मेरा नाम अर्जुमंद फौज़िया है मैं तेलंगाना ज़ाहीराबाद में रहती हूं हमे शायरी और कहानिया लिखने में दिलचस्पी है हम अपना भविष्य लेखक के रूप में बनाना चाहते है
निःशुल्क
हर सुबह उम्मीद की एक नई किरण लेकर आती है रात को ख्वाब सजाओ और सुबह उसे पूरे करने की कोशिश में झूठ जाओ
क्यों रखती है तू उम्मीद दुनिया से तू जो कहदे अगर ज़िन्दगी तुजपे कुरबा है अपनों से आस न कर खुद पे भरोसा रक तू जो ठाने अगर आस्मा को झुकादे।
काम्यज़ब बनना है वक़्त से आगे चलो सुबह होने पर मत उठो , तुम जाग कर सूरज को जगाओ , अपनी कोशिश से कभी नाउम्मीद नहीं होना चाहिए ,क्योंकि हर कोशिश कामयाब नहीं होती लेक