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काम्यज़ब बनना है वक़्त से आगे चलो सुबह होने पर मत उठो , तुम जाग कर सूरज को जगाओ , अपनी कोशिश से कभी नाउम्मीद नहीं होना चाहिए ,क्योंकि हर कोशिश कामयाब नहीं होती लेक
क्यों रखती है तू उम्मीद दुनिया से तू जो कहदे अगर ज़िन्दगी तुजपे कुरबा है अपनों से आस न कर खुद पे भरोसा रक तू जो ठाने अगर आस्मा को झुकादे।
हर सुबह उम्मीद की एक नई किरण लेकर आती है रात को ख्वाब सजाओ और सुबह उसे पूरे करने की कोशिश में झूठ जाओ