हर रोज़ के मिलने में तकल्लुफ़ कैसा,
चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है!
3 अप्रैल 2016
हर रोज़ के मिलने में तकल्लुफ़ कैसा,
चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है!
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स्टेट बैंक से २०१४ में रिटायर किया हूँ।बिहार से हूँ और फिलहाल रांची में रहता हूँ।D
क्या बात अजय जी
4 अप्रैल 2016