कोशिश करो ,हल निकलेगा
आज नही तो,कल निकलेगा !
अर्जुन के तीर सा निशाना साधो,
जमीन से भी जल निकलेगा !
मेहनत करो ,पौधों को पानी दो,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा !
ताकत जुटाऔ,हिम्मत को आग दो,
फौलाद का भी बल निकलेगा !
जिंदा रखो दिल मे उम्मीदों को,
समंदर से भी गंगाजल निकलेगा !
कोशिशें जारी रखो कुछ कर गुजरने की ,
जो है,आज थमा थमा सा,वो भी कल चल निकलेगा ॥