शायरी
कोशिश करो ,हल निकलेगा आज नही तो,कल निकलेगा !अर्जुन के तीर सा निशाना साधो,जमीन से भी जल निकलेगा !मेहनत करो ,पौधों को पानी दो,बंजर जमीन से भी फल निकलेगा !ताकत जुटाऔ,हिम्मत को आग दो,फौलाद का भी बल निकलेगा !जिंदा रखो दिल मे उम्मीदों को,समंदर से भी गंगाजल निकलेगा !कोशिशें जारी रखो कुछ कर गुजरने की ,जो है