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शेरु और शेखू

Sanjay Dani

4 अध्याय
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हनुमान पाल एक छोटे से गांव बचेडी का निवासी था। उसकी उम्र लगभग 40 वर्ष थी। उसका मुख्य काम बकरियों का पालन था।उसके बाड़े में लगभग 50 बकरियां व भेडें थी। बकरियों का दूध और उनके बालों को बेचकर ही हनुमान पाल के परिवार का गुजारा होता था ।  

sheru aur shekhu

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पुस्तक के भाग

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शेरु और शेखू

11 मार्च 2022
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( शेरू और शेख़ू ) **कहानी प्रथम क़िश्त ** 5 दसक पूर्व हनुमान पाल नाम का ग्रामीण देवकर के पास एक छोटे से गांव बचेड़ी का निवासी था। उसकी उम्र लगभग 40 वर्ष थी । वह भेड़ बकरियां पालकर अ

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शेरु और शेखू ( कहानी दूसरी क़िश्त)

12 मार्च 2022
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( शेरू और शेख़ू ) कहानी दूसरी क़िश्त ( अब तक-- हनुमान अकाल की स्थिति मेँ सिर्फ अपनी बकरी लक्ष्मी को बचेड़ी मेँ छोडकर बाकी भेड़ बकरियों को लेकरप बेमेतरा चला गया----

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शेरु और शेखू कहानी

13 मार्च 2022
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( शेरू और शेख़ू ) कहानी दूसरी क़िश्त ( अब तक-- हनुमान अकाल की स्थिति मेँ सिर्फ अपनी बकरी लक्ष्मी को बचेड़ी मेँ छोडकर बाकी भेड़ बकरियों को लेकरप बेमेतरा चला गया----

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शेरु और शेखू

13 मार्च 2022
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* शेरू और शेख़ू * ( कहानी अंतिम ) ( अब तक -- जुम्मन क़ुरैशी के विरुद्ध हनुमान के मन में संदेह के बादल कुलबुला रहे थे--- इससे आगे अंतत: हनुमान पाल से रहा नहीं गया और उसने फिर

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