हनुमान पाल एक छोटे से गांव बचेडी का निवासी था। उसकी उम्र लगभग 40 वर्ष थी। उसका मुख्य काम बकरियों का पालन था।उसके बाड़े में लगभग 50 बकरियां व भेडें थी। बकरियों का दूध और उनके बालों को बेचकर ही हनुमान पाल के परिवार का गुजारा होता था ।
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