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सरल जीवन

Jitendra Kumar sahu

10 अध्याय
1 लोगों ने खरीदा
9 पाठक
24 नवम्बर 2022 को पूर्ण की गई

यह किताब मनुष्य के दैनिक जीवन पर आधारित है जो वह क्रियाकलाप रोजमर्रा के काम में करता है ।वह बेहोश होकर ना जाने क्या क्या करता है ।कभी वर्तमान में तो कभी बीते कल में तो कभी भविष्य में ।खुद क्लिष्ट जीवन अपने लिये चुनता है या सरल जीवन वह अपना मालिक है पर चलाता उसे अधिकतर उसका बड़बोला मन है ।सुबह से लेकर शाम तक वह क्या-क्या करता है उसे उसका पता है और नही भी।मै मूलत:जागने पर जोर दे रहा हूँ जीवन के छोटे-छोटे क्रिया-कलापों में -------जारी 

saral jivan

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पुस्तक के भाग

1

मनुष्य और रोबोट

25 मई 2022
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सभी साथियों,पाठको को मेरा नमस्कार ।इस संसार के समस्त प्राणियो का मंगल हो । हम कौन है क्या हम अच्छी तरह से जानते हैं क्या हम अमुख नाम का व्यक्ति है या मै इस पद का व्यक्ति हूँ । बस यही हमारा परिचय होता

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अन्तिम विचार और जीवन

26 मई 2022
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हमारी दिनचर्या सुबह से शुरु होती है ।सबेरे सबेरे हम क्या करते हैं ।पहले तो बिस्तर से उठे कि राम का नाम ले लेकिन अब बहुत परिवर्तन हो चुका है मोबाईल की लत ने आदत हमारी बिगाड़ दी है ।आपने रात में सो

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पथ-3

26 मई 2022
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हम प्रतिपल बेहोश है इस बेहोशी का हमें तनिक भी पता नही जिसे हम जीवन मान कर चले है वह एक यंत्रवत कार्य मात्र है । सुबह उठते ही यह यंत्रवत चालू हो जाता है और हम अपने काम में लग जाते हैं। हम समझ रहे

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सम्यक मन

30 मई 2022
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मन:स्थिति ठीक नही तो कितना भी अच्छा घर ,रुपया-पैसा हो कोई काम का नही ।जैसे ही हम उदास होते हैं मन खिन्न होता है तुम्हारा एसो आराम काम नही आता पूरा दिन तक यह अवस्था बनी रहती हैं । यह अवस्था हफ्ता

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होश

28 मई 2022
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मैंने आज सुबह-सुबह संकल्प लिया कि होश पूर्वक आज हर कृत्य करूँगा लेकिन मैं अपने आप को भूल गया ।यह पुरा दिन बेहोश ही निकला ।बेहोशी से हंसी भी निकला क्रोध भी आया गीत भी गाए गुन गुनाए । संकल्प का जर

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ऐश्वर्य और हम

23 अक्टूबर 2022
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ये आराम बहुतो को कम नसीब है । ये महल ये जमीन ये प्रॉपर्टी कितने लोगों के पास है;जो तुम्हें नसीब है । ये परिवार,पद तुम्हारा ऑफ़िस जो घर से नजदीक है बहुतो को कम नसीब है ।ये कम्युनिकेशन मोबाइल की द

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हँसी

1 जुलाई 2022
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लोगो से मिलने का घुल मिल जाने का एकमात्र साधन हंसी है । हम हंसकर ये बताते हैं कि हम है और दुसरे से कोई शिकवा शिकायत नहीं कभी-कभी हम स्वयं प्रसन्न रहते हैं तो कभी दूसरो से मिलकर ।आजकल लोग हंस तो दे

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भारत में बढ़ता वायु प्रदूषण

26 अक्टूबर 2022
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                             भारत में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है । पहले शहर व नगरो में वाहन होते थे लेकिन अब गाँवों में वाहन की संख्या बढ़ती जा रही है चौबीस घंटे हर क्षेत्र में वाहनों से हानिक

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सम्यक धर्म

5 दिसम्बर 2022
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हम सभी मनुष्य है और इस पृथ्वी पर निवासरत है ।हमारे अलावा करोड़ो जीव जंतु का भी वास है । इसमे सर्वाधिक बुद्धिमान मानव ही है । बुद्धि के विकास के साथ हमने विज्ञान की मदद से रहन सहन,दुख,असुरक्षा पर विजय

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ध्यान की मधुशाला में जरुर आऊँगा ।

31 अक्टूबर 2022
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आदमी का मन पेण्डुलम की तरह हिलता रहता है ।जब वह अपनी मनमर्जी कर लेता है और पछतावा होता है तो सत्संग की तरह मुड़ने लगता है उसका मन ये सोचने लगता है कि अब बेईमानी बहुत हो गई अब कोई अच्छा कर्म किया

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