यह किताब मनुष्य के दैनिक जीवन पर आधारित है जो वह क्रियाकलाप रोजमर्रा के काम में करता है ।वह बेहोश होकर ना जाने क्या क्या करता है ।कभी वर्तमान में तो कभी बीते कल में तो कभी भविष्य में ।खुद क्लिष्ट जीवन अपने लिये चुनता है या सरल जीवन वह अपना मालिक है पर चलाता उसे अधिकतर उसका बड़बोला मन है ।सुबह से लेकर शाम तक वह क्या-क्या करता है उसे उसका पता है और नही भी।मै मूलत:जागने पर जोर दे रहा हूँ जीवन के छोटे-छोटे क्रिया-कलापों में -------जारी
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