SURENDRA ARORA
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,क्या यह सम्भव है कि हम हर दिन के अन्त में यह प्रश्न स्वयं से करें कि आज सारे दिन में हमने दुनिया को कल से बेहतर बनाने में आज सारा दिन क्या किया कि यह किसी भी व्यक्ति के रहने के लिये बीते हुए कल की अपेक्षा अधिक बेहतर जगह हो ।,क्या यह सम्भव है कि हम हर दिन के अन्त में यह प्रश्न स्वयं से करें कि आज सारे दिन में हमने दुनिया को कल से बेहतर बनाने में आज सारा दिन क्या किया कि यह किसी भी व्यक्ति के रहने के लिये बीते हुए कल की अपेक्षा अधिक बेहतर जगह हो ।
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