आज हर इन्सान कुछ ना कुछ तलाश में फिर रहा है। उम्मीद नाउम्मीदी के इस सफर में एक अंजाने रहा पर गुजर रहा है। यकिन है उसे कभी तो उसकी तलाश पूरी होगी। अक्सर ऐसा नहीं होता। फिर गुमराहियों में कहीं इन्सान खो जाता है। जिन्दगी के सफ़र में ये आम बात है। हर सपना पूरा हो शायद मुमकिन नहीं। हां जिंदगी का अंदाज को अगर हम थोड़ा बदल दे तो शायद ज़िन्दगी का रंग बदल जाए।
शायद ये इतना आसान नहीं। एक बात ये भी है जिंदगी भी तो आसान नहीं होता। अगर दोनों ही आसान नहीं है तो जीने का अंदाज़ बदले के बारे में सोचना चाहिए। आप को मदद देने के लिए हाथ तो बढ़ सकते हैं। पर सफ़र में तो आप को अकेले चलना होगा।
ये एक सकारात्मक सोच है। इस पर अपनी राय दें। आप सभी को तहे दिल से शुक्रिया। जो आप अपने बहुमूल्य समय निकाल कर मेरे इस लेख को पढ़ने के काबिल समझा।
नमस्कार आदाब