प्रिय पाठक, ईश्वर आप सभी को सदैव प्रसन्न रखे! शब्द.इन प्रकाशन द्वारा मेरी अपनी रचनाओं के साकार रूप इस पुस्तक के प्रकाशन पर अन्तर्मन् में अतिशय आनन्द का अनुभव कर रहा हूं। कालेज के समय से ही कविता पढ़ने, सुनने एवं लिखने का बहुत शौक था जो परिस्थितियोंवश अब जाकर पूरा हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में खासकर कोविड के समय में जब जन जीवन केवल स्वयं तक ही सीमित होकर रह गया था तब बहुत समय मिला अपनी लेखन की विधा को और अधिक समृद्ध एवं जागृत करने का। इस पुस्तक में समाहित मेरी अधिकतर रचनाएं इस धरा पर जीवन के अस्तित्व, सामान्य जन की प्रकृति स्वपनों, अपेक्षाओं और उनके रोजमर्रा के संघर्ष और उससे सम्बन्धित अनुभवों पर आधारित हैं। अपने आस पास के परिवेश और घटनाओं के प्रभाव की कुलबुलाहट जब जबअन्त:करण में भावनाओं की अभिव्यक्ति बनकर उभरती है तब तबएक नई कविता का जन्म होता है। इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए मैं शब्द.इन प्रकाशन और इसकी पूरी टीम के सहयोग, समर्थन एवं मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद एवं हार्दिक आभार प्रकट करता हूं। बिना इन सभी के सहयोग के यह संभव नहीं हो सकता था। अन्तत: मेरी यह भावनात्मक प्रस्तुति आपके अन्तर्मन में कितनी गहराई तक विचलन पैदा करती है, कितना स्वयं से जोड़ती है, वही मेरी इन सभी रचनाओं की सफलता का मानक बनेगा। इस पुस्तक में समाहित रचनाओं के विषय में आप सभी की सलाह एवं प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी। इति, आपका शुभाकांक्षी, योगेन्द्र सिंह
9 फ़ॉलोअर्स
1 किताब