जनता,तू नहीं जानतीवे तीन थेगांधी मैदान में किसी बड़े नेता का जोरदार भाषण चल रहा था। उन दिनो चुनाव का मौसम था। आये दिन ऐसे दृश्य दिख जाते थे।भाषण समाप्त होते ही तीनों चल दिये।रास्ते में एक ने पूछा- " देखा, कितनी भीड़ थी। मानो जन सैलाब उतर आया हो।" दूसरे ने कहा-" मैं कैसे देख सकता हूँ । मैं अंधा हूँ
ट्रिपल तलक आस्था नही,अधिकारों की लड़ाई है ।ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने काबिल लोकसभा से तीसरी बार पारित होने के बाद एक बार फिरचर्चा में है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में ही इसे असंवैधानिक करार दे दिया था लेकिन इसे एक कानून का रूप लेने केलिए अभी और कितना इंतज़ार करना होगा यह तो समय ही बताएगा। क्योंकि
केंद्रीय कैबिनेट ने तीन तलाक विधेयक 2017 में कुछ संशोधन को मंजूरी दे दी है| जिसमें तीन तलाक यानि तलाक-ए-बिद्दत को गैर जमानती अपराध तो माना गया है लेकिन संशोधन के हिसाब से अब मजिस्ट्रेट को बेल देने का अधिकार होगा|इस विधेयक के अनुसार ,