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तुलसीदास कीराम कथा प्रबंध शास्त्र

24 अगस्त 2024

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श्री रामचरितमानस संसार के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथो में से एक है। गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित इस ग्रंथ में मानव जीवन के सभी प्रश्नों के उत्तर मिलते हैं गोस्वामी जी ने अपने इस महान ग्रंथ मैं समाज के प्रत्येक पक्ष का वर्णन किया है। यह एक अद्भुतग्रंथ हैयह एक अद्भुत ग्रंथ है जिसको जिसकी दृष्टिकोण से देखा जाए इस दृष्टिकोण से एक ग्रंथ नजर आता है गोस्वामी जी का यह महान ग्रंथ आध्यात्मिक भी है सामाजिक भी है राजनीतिक भी है और व्यक्तिगत भी है इसलिए गोस्वामी तुलसीदास जी ना केवल महान आध्यात्मिक विभूति है बल्कि वे सामाजिक एवं राजनीतिक शास्त्र के महान विद्वान भी हैं वर्तमान में प्रबंधन शास्त्र की बड़ी चर्चा है हर व्यक्ति इस विषय पर बात करता हुआ नजर आता है आधुनिक प्रबंधन में संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका है यह हम कह सकते हैं कि किसी भी संगठन की सफलता उसके प्रबंधन पर निर्भर करती है अगर हम अच्छा प्रबंध कर पाए तो हम अपने संगठन को सफलता के शीर्ष पर पहुंचा सकते हैं संगठन कैसा भी हो सकता है वह राजनीतिक भी हो सकता है और सामाजिक भी हो सकता है और व्यावसायिक भी हो सकता है व्यावसायिक संगठनों के प्रबंधन के जो आजकल प्रचलित सिद्धांत और मान्यताएं हैं वह ज्यादातर अमेरिका जापान और पश्चिमी देशों से लिए गए हैं आज के समय में जब विद्यार्थियों को प्रबंधन की शि


लंका पहुंच कर सबसे पहले हनुमान जी ने वहां की स्थिति को पूरा विश्लेषण किया उन्होंने लंका की ताकत और कमजोरी का आकलन किया रावण के इलाके में उनके ऊपर कई तरह की खतरे थे तो कई अवसर भी थे हनुमान जी ने अपनी बुद्धि और कुशलता से सब कुछ समझा और उसके बाद कुछ किया।क्षा दे रहे हैं तो उसमें ज्यादातर सिद्धांत हर पुस्तक बाहर के देशों से आई हैं हमारी शिक्षा प्रणाली और विद्वानों का दोष यह है कि हमें हमारे ग और हमारी सनातन ज्ञान कुछ भी नजर नहीं आता और अगर कोई रखना और पढ़ना भी चाहे तो उसे सांप्रदायिक करार दिया जाता है पर हमारे ग्रंथो में अद्भुत रहस्य और ज्ञान दिया हुआ है बस जरूरत है उसे आज के संदर्भ में देखने की और प्रस्तुत करने की श्री रामचरितमानस एक ऐसा ही अद्भुत ग्रंथ है जिसमें आधुनिक संगठन और उसके प्रबंधन की महान शिक्षा छिपी हुई है किसी भी आधुनिक प्रबंधन शास्त्र के पश्चात विद्वानों की संगठन उनके प्रबंधन और उनके नेतृत्व की परिकल्पना केके 100 वर्ष पूर्व गोस्वामी तुलसीदास जी ने संगठन प्रबंधन और नेतृत्व के बारे में अद्भुत परिकल्पना श्रीमद् श्री रामचरितमानस की प्रस्तुत की थी श्री रामचरितमानस को स्वामी तुलसीदास जी द्वारा एक शोध ग्रंथ है जिसमें उन्होंने संपूर्ण भारतीय ज्ञान का सर और संकलन किया है मैनेजमेंट के वह लाइसेंस जो रामायण रामायण काल में इस्तेमाल हो चुके हैं और आज भी उतने ही उपयुक्त हैं रामायण में भगवान राम के वनवास काल की कहानी इंसान को बुराई और अच्छाई की जीत विविधता में एकता सच्ची रिश्ते नाते अच्छी संगति का महत्व सच्ची भक्ति माफ करना और चरित्र सबसे सम्मान व्यवहार करना भगवान में विश्वास और प्यार हुआ दया आदि कई महत्वपूर्ण सीख देती है रामायण सिर्फ एक कहानी नहीं है बल्कि प्राचीन काल में ऋषि मुनियों द्वारा धर्म और कर्म का पालन करने का महत्व को समझने के लिए उपयोग किए जाने वाला एक शैक्षिक माध्यम भी है रामायण में कई और लिखित घटनाएं और उनसे मिलने वाले सबक कई प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों में प्रबंधन और अधिकार को पढ़ने के लिए भी इस्तेमाल किए जाते हैं कुछ ऐसी सीखे जिनको कॉरपोरेट वर्ल्ड में लागू किया जा सकता है
1. टीम का उत्साह वर्धन जरूरी है ।
देवी सीता की खोज में हनुमान जी का लंका जाना रामायण का वह कैसा है जिसमें मैनेजमेंट के सिद्धांतों का उपयोग साफ साफ दिखाई देता है हनुमान जी का उद्देश्य लंका जाकर देवी सीता तक श्री राम जी का संदेश पहुंचाना था जब उसे बात की पुष्टि हो गई थी की देवी सीता लंका में है तब जामवंत जी ने बजरंगबली को उनकी ताकत और शक्तियों का एहसास करा लंका जाने के लिए प्रेरित किया।
शिक्षा=
जामवंत जी का हनुमान जी के को प्रेरित करना एक अच्छे मैनेजमेंट का सबसे अच्छा उदाहरण है जो अपने से कर्मियों का परिचय उनकी क्षमता से करता है फिर उसकी क्षमता के अनुसार कामों को करने में उनकी मदद करता है।
2 ताकत कमजोरी अवसर और खतरे का आकलन
लंका पहुंच कर सबसे पहले हनुमान जी ने वहां की स्थिति को पूरा विश्लेषण किया उन्होंने लंका की ताकत और कमजोरी का आकलन किया रावण के इलाके में उनके ऊपर कई तरह की खतरे थे तो कई अवसर भी थे हनुमान जी ने अपनी बुद्धि और कुशलता से सब कुछ समझा और उसके बाद कुछ किया।
शिक्षा 
ताकत कमजोरी अवसर और खतरा का आज के मैनेजमेंट का सबसे जरूरी हिस्सा है सबसे पहले लक्ष्य को को पिया जो काम दिया गया है आपको उसको समझना जरूरी है फिर उसके लिए मानसिक रूप से तैयार होना और उसके लिए सही योजना बनाना सबसे बाद में अपने प्रतिद्वंद्वी की ताकत और कमजोरी का पता लगाना जरूरी है और उससे संबंधित खतरों और अवसरों को समझना चाहिए
3  सुनियोजित तरीके से काम करना=
रामायण में सुप्रिया सुग्रीव को काफी सुनियोजित तरीके से काम करते हुए देखा गया है रामायण के अनुसार सुग्रीव सर्वोत्तम प्रबंधन की विशेषताओं के धनी थे रामायण में सुग्रीव और बाली के युद्ध में उनकी जीत एक सफल प्रबंधन के होने का निशानी है सुग्रीव की कुशलता को देखते ही भगवान राम ने इस युद्ध में उनकी योजना के अनुसार ही काम किया था अगर सुग्रीम एक कुशल मैनेजर होते तो शायद अंगद उनके सबसे बड़े दुश्मनों में से एक होते लेकिन बाली पुत्र अंगद उनके साथ थे।
शिक्षा 
कहा जाता है कि बिजनेस अच्छे संबंधों से चलता है एक सफल मैनेजर वही होता है जिसके जिसके अपने सभी एम्पलाइज और कलीग साथ अच्छे संबंध होते हैं एक सफल मैनेजर ही अपनी कंपनी के लिए अच्छा काम करता है।
4साथ काम करने वालों की हैसियत को समझना
रामायण में भगवान जितनी कुशल नायक द रावण उतना ही बुरा था समय-समय पर रावण की एक कुशल राजा होने की संकेत दिए जिसके कारण उसके पूरे साम्राज्य का सर्वनाश हो गया शुरुआत से ही रावण ने अपने प्रबंधकों से सुझावों को नजरअंदाज किया और राम के साथ युद्ध की स्थिति में मृत्यु को प्राप्त हुआ।
शिक्षा 
एक अच्छा मैनेजर वह होता है जो अपने प्रतिद्वंदियों सेअपना काम निकल सकता है क्योंकि वह काम करने लोगों की सुझावों को सुनता और अमल करता है खासतौर पर जब कंपनी को उनकी सब लंका में माता सीता को खोजने के बाद हनुमान जी ने अपनी इच्छा अनुसार रावण की सोने की लंका जो जलकर राख करदिया थालंका में माता सीता को खोजने के बाद हनुमान जी ने अपनी इच्छा अनुसार रावण की सोने की लंका को जलाकर राख कर दिया था मगर भगवान राम हनुमान जी की इस निर्णय से काफी दुखी थी जिसके बाद हनुमान जी ने किसी भी तरह के निर्णय लेने बंद कर दिए हनुमान जी के निर्णय लेने की क्षमता को सुधारने के लिए राम जी को दुख को पूरे परिदृश्य हटाना पड़ा । युद्ध के दौरान रावण भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर पाता लोक ले गया केवल हनुमान जी के पास ही उसको बचाने की बौद्धिक और शारीरिक शक्ति थी हनुमान जी ही राम लक्ष्मण को दुष्ट रावण के चंगुल से बचकर ले और हनुमान जी की अपनी शक्तियों का एहसास हुआ और हनुमान जी की सफल नायक बन गए
ती है लेकिन यह रावण का कप प्रबंधन ही था जिसकी वजह से उसकी सेवा का सबसे बुद्धिमान और कशल सेनापति विभीषण बीच युद्धमें युद्ध को छड़कर भगवान राम से जा मिला।
5 एक टीम लीडर को और लीडर्स बनाना चाहिए
लंका में माता सीता को खोजने के बाद हनुमान जी ने अपनी इच्छा अनुसार रावण की सोने की लंका को जलाकर राख कर दिया था मगर भगवान राम हनुमान जी की इस निर्णय से काफी दुखी थी जिसके बाद हनुमान जी ने किसी भी तरह के निर्णय लेने बंद कर दिए हनुमान जी के निर्णय लेने की क्षमता को सुधारने के लिए राम जी को दुख को पूरे परिदृश्य हटाना पड़ा । युद्ध के दौरान रावण भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर पाता लोक ले गया केवल हनुमान जी के पास ही उसको बचाने की बौद्धिक और शारीरिक शक्ति थी हनुमान जी ही राम लक्ष्मण को दुष्ट रावण के चंगुल से बचकर ले और हनुमान जी की अपनी शक्तियों का एहसास हुआ और हनुमान जी की सफल नायक बन गए
शिक्षा
6.ब्रांड से बड़ा कुछ नहीं होता
रामायण में लंका तक पुल बनाने वाले घटनाक्रम में जब पत्थर पानी में डूब जा रहे थे तब पत्थरों राम नाम लिखा जिसकी बाद भरी-भरी और बड़े-बड़े पत्थर भी पानी पर तैरने लगे थे और आराम से कम समय में लंका तक पुल तैयार हो गया इसकी बात कहा गया था कि राम नाम से बड़ा कोई नाम नहीं है
शिक्षा 
पत्थर डूब रहे थे क्योंकि उनमें राम नामअंकित नहीं आज के टाइम मेंअगर देखा तो ब्रांड का नाम मार्केट में चलता है और ब्रांड से बड़ा ब्रांड के मालिक का नाम भी नहीं होता है जब उसको उनकी कंपनी के नाम से पहचानजाता है।
7 कम्युनिकेशन का महत्व 
रामायण के अनुसार जब सुग्रीव ने देखा की रक्षा से लड़ते हुए बाली की गुफा में गया और एक साल तक रक्षा और बाली में से कोई बाहर नहीं आया तो सुग्रीव को लगा कि शायद दोनों ने एकदूसरे को मार दिया ह और वापस अपने राज्य किष्किंधा जाकर सुग्रीव ने बाली की पत्नी तारा से विवाह कर लिया है
जब बाली वापस आया तो उसने सुग्रीव को राजसिंहासन पर बैठा देखा तो सोचा उसने की उसके साथ धोखा हुआ है। और उसने सुग्रीव को बिना पता है युद्ध के लिए ललकार दिया यहां दो भाइयों सुग्रीव और बाली केबीच घटक को चतुर्ता का कारण आपस में बात ना करना बना।

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