**सारांश: "मैदान की महारानी"** "मैदान की महारानी" एक प्रेरणादायक उपन्यास है, जो भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की असाधारण यात्रा को चित्रित करता है। यह कहानी संघर्ष, साहस, और जीत के उस सफर की है, जिसने विनेश को विश्वस्तरीय एथलीट के रूप में स्थापित किया। ### प्रारंभिक जीवन और संघर्ष उपन्यास की शुरुआत विनेश फोगाट के बचपन से होती है, जहां हरियाणा के बलाली गांव में उनके कुश्ती के प्रति जुनून को दिखाया गया है। एक ऐसे परिवार में जन्मी, जहां लड़कियों को अक्सर कुश्ती से दूर रखा जाता था, विनेश ने अपने चाचा महावीर फोगाट के मार्गदर्शन में इस खेल को अपनाया। यह हिस्सा दिखाता है कि कैसे विनेश ने पारिवारिक और सामाजिक बाधाओं को पार करते हुए अपने सपनों का पीछा किया। ### पहली जीत और करियर की शुरुआत उपन्यास के इस खंड में, विनेश की शुरुआती उपलब्धियों को उजागर किया गया है। 2013 में, उन्होंने एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में अपने पहले बड़े पदक के साथ अपने करियर की शुरुआत की। इस सफलता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई और उनकी यात्रा की दिशा निर्धारित की। ### चोट और वापसी की कहानी विनेश की कहानी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा वह समय है, जब उन्होंने 2016 के रियो ओलंपिक में गंभीर चोट का सामना किया। इस चोट ने न केवल उनके शरीर को, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बुरी तरह से प्रभावित किया। यह उपन्यास उस दर्दनाक समय को चित्रित करता है, जब उन्हें न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक संघर्षों से भी गुजरना पड़ा। इस खंड में दिखाया गया है कि कैसे विनेश ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पूरी शक्ति के साथ 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में शानदार वापसी की, जहां उन्होंने स्वर्ण पदक जीता। ### व्यक्तिगत जीवन और संघर्ष विनेश के व्यक्तिगत जीवन को भी उपन्यास में प्रमुखता से दर्शाया गया है। इसमें उनके साथी सोमवीर राठी के साथ उनके रिश्ते को दिखाया गया है, जो विनेश के जीवन में एक महत्वपूर्ण सहारा बने। उनके विवाह की कहानी, जिसमें आठ फेरे लेकर 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी खिलाओ' का संदेश दिया गया, इस उपन्यास का एक भावनात्मक हिस्सा है। ### अंतरराष्ट्रीय मान्यता और संघर्ष उपन्यास का यह हिस्सा विनेश की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी और उनकी संघर्षशील यात्रा को दर्शाता है। 2019 के विश्व कुश्ती चैंपियनश