ये कहानी है लक्ष्मी की जो 19 या 20 साल की होगी जिसका दिल दिमाग सब कुछ उसकी मां के कंट्रोल में है और उसकी शादी संजय से हो जाती है । आगे क्या होता है उसकी जिंदगी में ये वो खुद भी नही जानती : लक्ष्मी सुनो बेटा आज तुम्हे लडके वाले देखने आने वाले है तो तुम अच्छे से तैयार हो जाना ठीक है : रानू ने तेज आवाज देते हुए लक्ष्मी को कहा : बेटा वैसे तो तुम हो ही बहुत सुंदर पर फिर भी आज अच्छे से तैयार होना ।। लक्ष्मी -पर मां मुझे शादी नहीं करनी है , मुझे अभी बहुत कुछ करना है, मेरी तो अभी पढ़ाई भी पूरी नहीं हो पाई है तो फिर मां अभी से शादी क्यूं । मां -( रानू ) तो बेटा मै बात करुगी ना, उनसे की मै गोना चार साल बाद करुगी वैसे भी अभी तो सिर्फ देखने आएगे क्या पता बात बने या ना बनें बेटा( रानू ने अपनी बात पर जोर देते हुए बोला ) शादी के लिए कोई जोर थोड़े ही हैं,ये तो नसीबों का खेल है, कब जाग जाए किसी को नहीं पता । रानू ने लक्ष्मी को समझाते हुए कहा ठीक है : मां ,लक्ष्मी मन मारके वहां से चली गई । रानू हैलो भाई साहब : मै रानू बोल रही हूं ! हां बोलिए मैने लक्ष्मी को नहीं बताया कि आप के बेटे के साथ उसकी शादी और गोना अभी कर दुगी तो जैसे मै बोलु बस वैसे ही करना। दूसरी ओर से : ठीक है! रनों जी हमे क्या परेशानी है ,हमे तो बस शादी करनी है अपने बेटे कि किसी भी हाल में आपकी लक्ष्मी से क्युकी आप तो समझदार है बोलने की जरूरत क्या है । हा हा हा ठीक है फोन रखती हूं । लक्ष्मी अपने कमरे में बैठी सोच रही थी: मां के कारण ये सब करना पड़ रहा है , कुछ कर भी तो नहीं सकती हूं ,मै !वैसे भी सौतेली बेटी को इतने लाडो से कौन पालता है ,उन्होने तो मुझे ही अपना सब कुछ माना है पापा के जाने के बाद, वो कैसे कुछ ग़लत सोच सकती मेरे लिए मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा क्या करू मां के अलावा कोई है भी तो नहीं मेरा इस दुनिया मे । बाबा क्या करू क्या ना करू कुछ भी नहीं समझ पा रही हूं , काश आप मेरे साथ होते मुझे सही गलत बताने के लिए । काश मै अपनी पढ़ाई ओर आपका सपना पूरा कर पाती पर सोचने से क्या होता है सपनो को पूरा करने के लिए उड़ान भरनी पड़ती है ,ओर उसके लिए पंख चाहिए होते है यहां तो मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे कोई मेरे पंख ही काटने वाला है । R रनों - चलो बेटा आ गए लड़के वाले । मां आप चलो मैं आती हूं कुछ देर में । रनों: ठीक है पर जल्दी से आना बेटा । लक्ष्मी : ठीक है मां लक्ष्मी : आज बहुत सुंदर लग रही थी नीले रंग सूट पर हल्का सा मेकअप , बड़ी बड़ी आंखें । गले मे लाल का दुपट्टा लिए हुए । कमरे मे आती है । रेनू : आओ लक्ष्मी मेरे पास आओ । लक्ष्मी : (दोनों हाथ जोड़ते हुए ) नमस्कार अंकल ।रामप्रसाद ( लड़के का पिता ) :नमस्ते बेटा बहुत सुंदर लग रही हो । वैसे तो संजय की मां को आना चाहिए था पर वो नहीं आ सकती क्युकी अब वो इस दुनिया मे नहीं रही तो मुझे ही सारी जिमेंदरिया निभानी है, एक मां की भी ओर बाप कि भी । ।। लक्ष्मी : जी अंकल । वैसे ये मेरा बेटा संजय है अगर तुम्हे कुछ पूछना हो तो पूछ सकती हो । नहीं अंकल मुझे कुछ नहीं पूछना लक्ष्मी ने बिना संजय पर ध्यान दिए बोला । ठीक है बेटा । रामप्रसाद : बहन जी हमारी तरफ से हां है बाकी आप बता देना । रेनू : हमारी तरफ से तो पहले ही हां है । संजय पर पापा अभी मेरी तरफ से हां नहीं है । मै लक्ष्मी को जानना चाहता हूं तो प्लीज गिव मै सम टाइम फॉर मि ।मै लक्ष्मी से अकेले में कुछ बाते करना चाहता हूं । रामप्रसाद : पर बेटा । पापा : प्लीज पापा । ठीक है बेटा जाओ तुम लक्ष्मी के साथ उपर छत पर चले जाओ। संजय : मै आपसे कुछ बाते करना चाहता हूं। लक्ष्मी - बोलिए क्या बात है । वैसे आप काफी सुंदर लग रही हो ओर कोई भी आपको एक बार देखते ही हां के दे फिर भी मै चाहता हूं कि आप एक बार नहीं हजार बार सोच ले संजय - क्या आप मेरे बारे में सब कुछ जानती हो लक्ष्मी: जी हां मां ने बताया था संजय : फिर भी मै आपकी हैं राय चाहता हूं । रेनू - बीच में टोकते हुए अरे बेटा इसकी क्या राय ये तो वही करेगी जो मै कहूंगी। है ना बेटा । संजय : आंटी जी मै लक्ष्मी से अकेले में बात करना चाहता हूं और आप तो यहां भी आ गई प्लीज । रानू - ठीक है बेटा मै अभी आई आती हूं आप लोग बात करिए । लक्ष्मी ने नजर उठा कर देखा तो सुंदर नौजवान ब्लैक पेंट के साथ लाइट ब्लू शर्ट ब्लैक शूज हाइट भी अच्छी खासी लक्ष्मी उसे बस देख जा रही थी । जो उसके सामने खड़ा था और वो बोले जा रहा था देखो लक्ष्मी मै तुम्हे किसी भी आशा मै नहीं रखना चाहता वैसे तो आंटी को मैने सब बता दिया है ,पर फिर भी मै तुम्हारी राय चाहता हूं तुम्हे इस रिश्ते के लिए कोई दवाव तो नहीं है । लक्ष्मी - हां मां ने बताया था आपके बारे में । लड़का - ठीक है आप अच्छी तरह से सोच समझ कर ही, हां बोले अगर आप मेरे से कुछ पूछना चाहती हो पूछ लों। लक्ष्मी : नहीं मुझे कुछ नहीं पूछना है मां की मर्जी ही मेरी हां है । लक्ष्मी सोचते हुए की वैसे लड़का स्मार्ट भी है और बिज़नेस भी अच्छा है वैसे भी गोना तो चार साल बाद होना है तो हां कर देती हूं । वैसे भी मां के लिए सोच का कारण नहीं बन सकती उनका सिर नहीं झुका सकती मै लक्ष्मी : मां आप एक बार फिर सोच लो क्युकी आपकी हां मे ही मेरी हां है क्यूंकि आप ही मेरा सब कुछ हो । रानू : तो ठीक है बेटा तुम ही संजय को हां कर दी। रानू ने खुश होते हुए.....रामप्रसाद जी लक्ष्मी शादी के लिए राजी है, तो मै चाहती हूं कि आज ही रोके की रस्म कर ली जाए वैसे भी कल क्या होगा क्या पता । राम प्रसाद : जी ठीक है जैसा आप ठीक समझो , हम कोई दिक्कत नही है ....