प्यार
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वेलेंटाइन सबको याद रहा ....क्यों पुलवामा को भूल रहे ...प्यार प्यार सब करते यहां ...क्यूं पर मिटने वाले ना याद रहे ...उस दिन क्या मंजर था ! ना जाने कितनी मांगे , कोखे उजड़ी थी ...आज भी आती है याद