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तुम्हीं से जीवन,तुम्हीं से विनाश।

15 सितम्बर 2021

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गुजरात की वर्तमान स्थिति पर मेरे द्वारा रचित एक छोटी सी रचना :--

हैं इस बात के गवाह,यह धरती और आकाश......
हे जल! तुम्हीं से है जीवन और तुम्हीं करते विनाश।😱

जैसे अधिक तपन से, जल उठे तन मन......
किंतु अंधकार को मिटाने,है जरुरी सूर्य का प्रकाश।
तुम बिन अस्तित्व न संभव जग में......
हे जल! तुम्हीं से है जीवन और तुम्हीं करते विनाश।।😱

अपने सौम्य रूप से, सींचो पावन धरा को.......
मचाकर यों तबाही,मानवता को ना करो हताश। 
तुम बिन अस्तित्व न संभव जग में.......
हे जल! तुम्हीं से है जीवन और तुम्हीं करते विनाश।।😱
Poonam kaparwan

Poonam kaparwan

बहुत सुंदर

15 सितम्बर 2021

Arti

Arti

15 सितम्बर 2021

बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🏻🙂💐💐

Dhanu Dayal

Dhanu Dayal

खूबसूरत पंक्तियां 👍👍

15 सितम्बर 2021

Arti

Arti

15 सितम्बर 2021

बहुत-बहुत धन्यवाद🙏🏻🙂💐💐

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रचनाएँ
Arti की डायरी
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यह कुछ छोटी-छोटी क्षणिकाओं के लेखन का मेरा प्रथम प्रयास है।
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नई शुरुआत।

11 सितम्बर 2021
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7
2

<div>करने जा रही मैं, इस मंच पर, एक नई शुरुआत</div><div>आशा है मिलेगा, सभी पाठकों का,इसमें मुझको साथ

2

वक्त की धारा।

11 सितम्बर 2021
6
6
2

<div>कोई न जाने, ले जाती कहाँ,</div><div> &nb

3

ये जिंदगी है दोस्त।

11 सितम्बर 2021
0
6
0

<div>🌺ये जिंदगी है दोस्त,ये तो यूं ही चलती है।</div><div><span style="font-size: 1em;"> और दुन

4

मैंने जीना सीख लिया।

11 सितम्बर 2021
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6
8

<div>जब जब हार मिली....और बुझा उम्मीदों का दिया। </div><div>हौंसलों की मशाल जलाकर......मैंने जी

5

आओ खेलें खेल।

12 सितम्बर 2021
3
8
4

<div>😅 14 नवंबर को जब देश ने,</div><div><span style="font-size: 1em;"> &

6

ख़लिश।

13 सितम्बर 2021
1
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2

<div>एक ख़लिश दिल की, ये क्या से क्या कर गई।</div><div> खुशियों की आंखों में,क्यों बारिशें भर ग

7

तस्वीर।

13 सितम्बर 2021
4
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<div>🌹रिमझिम इन बूंदों में, झलकती है तस्वीर उसकी,</div><div> आज फिर भीग बैठे, उस

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तुम्हीं से जीवन,तुम्हीं से विनाश।

15 सितम्बर 2021
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<div>गुजरात की वर्तमान स्थिति पर मेरे द्वारा रचित एक छोटी सी रचना :--</div><div><br></div><div>हैं इ

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जो तुम नहीं।

18 सितम्बर 2021
2
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2

<div>पतझड़ ही पतझड़ है, बहार नहीं, जो तुम नहीं। </div><div>रोऊँ या गाऊँ पर दिल को,करार नहीं,जो

10

एक बार फिर।

20 सितम्बर 2021
3
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2

<div>मैं चली अपने सफर पर, एक बार फिर। </div><div>जानी पहचानी सी उसी डगर, एक बार फिर।&nbsp

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