🌺ये जिंदगी है दोस्त,ये तो यूं ही चलती है।
और दुनिया का क्या, दुनिया तो रंग बदलती है।।
🌺 खाकर ठोकर गिरती है, फिर से ये संभलती है। नदिया-सी अनवरत ये, चट्टानों से निकलती है।।
🌺 सुबह जैसी उगती है,शाम-सी ये ढलती है।
कभी उड़ती परिंदों-सी,कभी लहरों सी मचलती है।।
🌺 कभी चांदनी-सी बिखरे, कभी फूल बन खिलती है।
नए रूप में आकर ये,हमसे रोज मिलती है।।🤩