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आओ खेलें खेल।

12 सितम्बर 2021

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😅 14 नवंबर को जब देश ने,
                          बाल दिवस मनाया।
     जाने कौन सी धुन चढी़, 
               क्या श्रीमती जी के मन में आया।

😅 हमारे छह बच्चों को ले आई,
                      बोली आओ खेलें खेल।
     तुम बन जाना इंजन प्रिय, 
                      मैं और बच्चे बनेंगे रेल। 

😅 मैंने कहा बौरा गई हो क्या,
                    तुम्हारे दिमाग का ठिकाना नहीं।
     खेल में भी उसी डब्बे से जुडू़ं,
                         इतना भी मैं दीवाना नहीं।

😅 नखरे दिखा लो चाहे जितने,
                                 हंसके सारे झेलूंगी।
     घर पर लूडो खेलूंगी,
                        वो बोली दिल भी दे दूंगी।

😅 उसे सबक सिखाने की तब,
                                   आई मन में बात।
    बोला मैंने आओ खेलें शतरंज,
                          दूँ तुमको शह और मात।

😅 बात बनती ना देख कर,
                     वह अपनी चाल पर आई।
     बोली आओ खेलें हमारा प्रिय खेल,
                       जो है कुश्ती और लड़ाई।

😅 देख उनका ये खतरनाक रूप,
                   अकड़ हमारी निकल गई सारी।
     हथियार डालकर हमने कहा,
                       नर से सदा ही जीती नारी।

Dhanu Dayal

Dhanu Dayal

बहुत मजेदार और रोचक

18 सितम्बर 2021

Arti

Arti

19 सितम्बर 2021

बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏🙂💐💐

आलोक सिन्हा

आलोक सिन्हा

बहुत सुन्दर

12 सितम्बर 2021

Arti

Arti

12 सितम्बर 2021

बहुत बहुत धन्यवाद आपका 🙏🏻🙂💐💐

10
रचनाएँ
Arti की डायरी
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यह कुछ छोटी-छोटी क्षणिकाओं के लेखन का मेरा प्रथम प्रयास है।
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