चंद अधूरी
ख्वाहिशें और बिखरे ख्वाब लिए उड़
चला है दिल कही दूर
कुछ नयी हसरतें
और फर्माइशें पूरी कर लेने को थोड़ा और जी लेने को
यूं तो
मायूस रहा अब तक
चाहतों के बोझ तले
पर अब न होगा ये
फिर कभी ये सोच
उड़ चला है
दिल कही दूर
कुछ नयी हसरतें और फर्माइशें पूरी
कर लेने को थोड़ा और जी लेने को
जो बीत गया वो कल था, जो आज है वही सब है
धूल जो मुझ पर चढ़ी
थी उसे मिटा लेने को
उड़ चला है
दिल कही दूर
कुछ नयी हसरतें
और फर्माइशें पूरी कर लेने को थोड़ा और जी लेने को
जिया तो
बहुत मगर खुशियां किश्तों में मिली
अब उन किश्तो में
कुछ और किश्त जोड़ लेने
को
उड़ चला है
दिल कही दूर
कुछ नयी हसरतें
और फर्माइशें पूरी कर लेने को थोड़ा और जी लेने
को
एक उमर लग गयी
ज़िंदगी की कामियाँ अपनाने को
खुश्क होती
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी से मिलवाने को
उड़ चला है
दिल कही दूर
कुछ नयी हसरतें
और फर्माइशें पूरी कर लेने को थोड़ा और जी लेने
को