अभी कुछ दिन बाद 23 जनवरी को हम सुभाष चंद्र बोष जी की जयंती मनाएंगे
उनके क्रन्तिकारी विचारो का वर्णन करेंगे
जिस वैचारिक प्रबलता से उन्होंने रानी विक्टोरिया के जन्मदिन की मिठाई को कूड़े के ढेर में फेंक दिया
और उसे ग्रहण कर लेना दासता की मानसिकता माना
हम दिक्भ्रमित हो चुके है ..............
मार्ग विवेकानंद दयानंद सरस्वती, भगत सिंह गुरुगोविंद सिंह, वीर सारवरकर और सुभाष चंद्र बोष के पीछे जाता है
या ..............
आज हम बुद्धिजीवी लोगों को स्पष्ट करना होगा कि
हम क्या मनाएंगे 12 जनवरी 23 जनवरी
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा या
20. ......................17