हिंदी भाषा न केवल विचारों केअदन-प्रदान का माध्यम है..... हिंदी भाषा में संस्कार संचरित होते हैं |
आइये हिंदी भाषी बने - विश्व को संस्कारों की और ले चलें.|
25 नवम्बर 2016
हिंदी भाषा न केवल विचारों केअदन-प्रदान का माध्यम है..... हिंदी भाषा में संस्कार संचरित होते हैं |
आइये हिंदी भाषी बने - विश्व को संस्कारों की और ले चलें.|
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हिंदी हमारी मातृभाषा है! संस्कृत देववाणी है! इसे सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं ! यह सिद्ध है, किन्तु इसकी सिद्धि से समाज को अवगत कराना ही हम हिंदी पुत्रों का दायित्व है!
हिंदी को सर्वकालिक प्रासंगिक एवं सर्वोपयोगी बनाना और बनाये रखना ही हमारा हिंदी के प्रति सेवा-समर्पण होगा.!