25 अक्टूबर 2022
इस दीवाली शोक, निराशा, बरबादी थी झोली में।हाथों से रज,आंखों से आंसू बरसे रंगोली में।।...बेटी का संसार लुट गया, दीपों का त्योहार लुट गया।बेबस थे सब, कर न सके क