हमारे देश मे लगभग 14 से 15 लाख विद्यार्थी हर साल NEET की परीक्षा देते हैं इनमे से सिर्फ कुछ 60 से 70 हजार स्टूडेंटों को मौका मिल पता है डॉक्टरी करने का या डॉक्टर बनने का, मेडिकल कॉलेज मे सीट कम होने और कॉम्पीटिशन इतना मुश्किल होने के वजह से हर साल बहुत सारे स्टूडेंट्स अपने सपने पूरा करने के लिए दूसरे देशो का रुख करते हैं, जहाँ बहुत कम खर्चे में आसानी से दाखिला मिल जाता है।
इन देशो मे प्रमुख देश Russia , Ukraine, Phillipines, Kyrgyzastan ,germany, central America,etc. जहाँ सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स mbbs की पढ़ाई के लिए जाना पसंद करते है।
अब बात आती है की जब विदेश से पढ़ कर वापस अपने देश आएंगे तो क्या इसकी मान्यता होगी तो हम आप को बता दे की कुछ एक देश को छोड़ कर या यूरोपियन देशों को छोड़ कर आप किसी भी देश से पढ़ कर आते हैं तो आप को हमारे यंहा की MCI (medical council of india)जो को इंडिया की नियामक बोर्ड है उसकी FMGE (foreign medical graduates examination ) मे भाग लेकर उसमे पास होना होगा | आप को बता दे की FMGE की परीक्षा साल मे 2 बार होती है । FMGE का परीक्षा एक लाइसेंस परीक्षा है जो की दूसरे देश से पढ़कर आने वाले स्टूडेंट्स के ज्ञान को प्रमाणित करती है। इसको क्लियर करने के बाद स्टूडेंट्स देश के किसी भी जगह पर प्रैक्टिस करने के लिए मान्य हो जाते हैं ।
इस परीक्षा की ध्यान देने वाली बात ये है की ये कोई प्रवेश परीक्षा नहीं है जिसमे कोई लिमिटेड सीट या cutoff marks का टेंशन हो ये एक exit exam है जसमे हिस्सा ले कर के मात्र पास भर होना होता है। ये MCI का एक तरीका है जिस से विदेश से पढ़ कर आने वाले स्टूडेंट्स के ज्ञान को सुनश्चित किया जा सके।
जो भी स्टूडेंट्स ध्यान लगाकर पढ़ाई किया होगा उसको ये परीक्षा मे कोई परेशानी नहीं होगी क्यूंकि ये सिर्फ आप के डॉक्टर बनने की जो ज्ञान है उसको सुनश्चित करने का एक तरीका है। हमारे देश मे मेडिकल की सीट कम होने के वजह से बहुत सारे होनहार स्टूडेंट्स अपना कई साल इसकी तैयार करने मे निकाल देते हैं और हतास हो जाते हैं, हमारे अनुसार विदेश से MBBS की पढ़ाई एक विकल्प हो सकता है जिस से स्टूडेंट्स को सपनों की मंजिल भी मिलेगा और हमारे देश मे जो डॉक्टर्स की भारी कमी है उसका भी उपाय मिल जाएगा।