“प्रकृति विनाशक आखिर क्यों है?”-आनन्द विश्वासबिस्तर गोल हुआ सर्दी का,अब गर्मी की बारी आई।आसमान से आग बरसती,त्राहिमाम् दुनियाँ चिल्लाई। उफ़ गर्मी, क्या गर्मी ये है,सूरज की हठधर्मी ये है।प्रकृति विनाशक आखिर क्यों है,किस-किस की दुष्कर्मी ये है। इसकी गलती, उसकी गलती,किसको गलत, सही हम