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विनायक समाधान

12 जनवरी 2016

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यकीन मानिए.....‪#‎भूलभुलैया‬#......कोई भी साधारण कार्य आसान हो सकता है......हर कार्य को आसान समझना आसान है....कोई कार्य आसान हो या ना हो....परन्तु किसी भी कार्य को आसान बनाने के लिए....अनेक आसान प्रयत्न करने में कोई कठिनाई नहीं.....कोई प्रयत्न लगातार करने से बारम्बार आसानी का अनुभव बहुत आसान कार्य है.....ज़माना एक खजाना है....इस खजाने में आसान को खोजना.....साधारण कार्य....खोजने का अपना एक अलग आनन्द....आसान या कठिन ?......यह स्वयं का निर्णय...विश्व विजेता मुक्केबाज ‪#‎मोहम्मद‬ अली# के लिए सबसे आसान कार्य स्वयं के शरीर पर वार सहन करना हो पाया....और जब प्रतिध्व्न्दी वार करते-करते थक जाये...तब अली स्वयं विजेता बनाना शुरू करते थे.....दोस्तों को JUST FOR YOU कहने के साथ just BECAUSE of YOU कहना भी अनिवार्य....जब radio पर गाना बजता है.....यारी है ईमान मेंरा यार मेरी जिन्दगी.....यार ऐसा मिल गया दिल हमारा खिल गया.....तब गाना सुनना पड़ता है....ध्यान से.....कब ?क्यों ?कैसे ? का उत्तर जानने के लिए.....भगवान के प्रति आस्तिक तथा नास्तिक दोनों हुआ जा सकता है...पर मित्र को मित्र मानने में कोई हर्ज नहीं....यह सब आमने-सामने का खेल....मात्र तीन रेखों का खेल.....उल्टा पुल्टा एक समान.....जैसे हिंदी में लिखा हुआ पत्र उलट कर पढने पर उर्दू का आनन्द आता है.....दायें से बाएँ.......यदि ‪#‎READING‬ CONTINUE# न हो तो ‪#‎POST‬# का अध्ययन अधुरा.....फेसबुक की और से यह अदभुत सुविधा सभी मित्रो को सौगात है....यह बात अलग है कि इसे दुविधा मानने का भ्रम हो सकता है....ठीक प्रस्तुत चित्र के समान.....जरा चौकोर तो गिनिये.....विनायक परिश्रम....नक़ल की गुंजाईश नहीं.....स्वयं से प्रश्न....What More ?, What Next ?, What Else ?.....The Three Magical Questions that PROPEL Progress....’विनायक-प्रश्नोत्तर’.....भक्त, भक्ति और भगवान को मानव के अतिरिक्त कोई दूसरा समझ ही नहीं सकता है...बिल्कुल ‪#‎भीड़‬# से अलग...‪#‎भेड़‬# वाली चाल नहीं....एक समीकरण को हल करने के लिए दो मित्र पर्याप्त है...साझा अध्ययन...COMBINED STUDY…..कोई पहेली नहीं....रचना हमारी खुद की, स्वयं द्वारा रचित....छोटी-बड़ी...आड़ी-तिरछी....सीधी-सादी...मोटी-पतली....भले ही कैसी भी हो....है तो स्व-रचित....कोई प्रतियोगिता या प्रतिस्पर्धा नहीं....कोई हार या जीत नहीं.....सुना है कुछ लोग अपनी लकीर को बड़ी करने के लिए, दूसरों की लकीरों को अकसर मिटा कर या घटा कर छोटी कर देते है....तब वें यह भूल जाते है कि मजा तो सिर्फ अपनी लकीर बड़ी करने में है...और यह मजा मात्र सरल या आसान होने के कारण है....जितना वक्त लकीर मिटाने में लगता है, उससे कंही कम वक्त लकीर बनाने में लगता है....शायद इसीलिए प्रकृति-प्रदत्त....सहज हस्त-रेखायें....प्रत्येक मानव-हस्त पर नैसर्गिक रचना....विधाता का सहज ‘लेख’....शायद आज-तक कोई न निकाल सका....’मीन-मेख’....और अन्त तक विधाता यही कहे...’देख तमाशा देख’....और चिंता की कोई बात नहीं....सब ईश्वरीय ‘देख-रेख....We Demand….क्षमा, रक्षा, न्याय, व्यवस्था....’जाको राखे साईयाँ, मार सके ना कोय’.... ‪#‎JUST‬ for YOU#.......बड़े ‪#‎होर्डिंग‬# की लागत ज्यादा हो सकती है, परन्तु छोटे #होर्डिंग# तो कोई भी बना सकता है....#just BECAUSE of YOU#......‪#‎मुद्रा‬ या रोकड़# से महत्वपूर्ण #%#.....‪#‎विनायक‬-परिश्रम#....एक ही प्रार्थना..."सर्वे भवन्तु सुखिनः" एवम् एक ही आधार "गुरू कृपा हिं केवलमं"....आप सभी आमंत्रित है....पूर्व निर्धारित समय हमेशा की तरह सुविधा सिध्द होती रहेगी....हार्दिक स्वागतम.....समय अपना-अपना....और आदान-प्रदान हो जाए....तो सहज आमने-सामने.....प्रणाम....सब मित्रों के बीच बैठ कर "रघुपति राघव" गाने का आनन्द....मात्र स्वयं का अनुभव...”#विनायक-समाधान#” @ #91654-18344#...‪#‎vinayaksamadhan‬# ‪#‎INDORE‬#/‪#‎UJJAIN‬#/‪#‎DE


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विनायक समाधान

12 जनवरी 2016
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यकीन मानिए.....‪#‎भूलभुलैया‬#......कोई भी साधारण कार्य आसान हो सकता है......हर कार्य को आसान समझना आसान है....कोई कार्य आसान हो या ना हो....परन्तु किसी भी कार्य को आसान बनाने के लिए....अनेक आसान प्रयत्न करने में कोई कठिनाई नहीं.....कोई प्रयत्न लगातार करने से बारम्बार आसानी का अनुभव बहुत आसान कार्य ह

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राम राम सा.....जय हो....सादर नमन....प्रणाम

12 जनवरी 2016
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यकीन मानिए.... ‪#‎LIVE‬#.......‪#‎अन्तर्राष्ट्रीय‬ संबोधन#....प्रत्येक भारतीय का सम्पूर्ण विश्व को.....‪#‎राम‬-राम#....‪#‎भूलभुलैया‬#...हरगिज नहीं......मात्र गति का अनुभव....COPY, PASTE & EDIT……तत्पश्चात......Save, Send, Publish....जीवन को....”कोरा कागज़ के स्थान पर भरा-पूरा अखबार”.....मान सकते है...

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अंतर्राष्ट्रीय....मन की आवाज......

24 जनवरी 2016
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JUST INTERNATIONAL....FROM THE DESK OF #VINAYAK SAMADHAN#....WITH DUE RESPECT.....TO ALL RESPECTED FRIENDS.....जय हो....शुभ-दिवस....सोशल मीडिया पर सब-कुछ....बहुतायत में बहुत-कुछ कहा जारहा है....और #कुछ# को #बहुत# ना बनाते हुए....कुछ-कुछ....#मन की बात# शत-प्रतिशत.....#सहिष्णु#....हे प्रभु....हर आईने

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https://plus.google.com/+ANANDJAGDISH91654-18344/posts/QR4cicyfGDs

28 जनवरी 2016
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#‎केश‬-लोचन#....बाल की खाल निकलना हरगिज नहीं बल्कि खाल में से बाल निकालना........पूर्ण काल्पनिक....मात्र बहस पर आधारित तहकीकात.... बल को प्रकट करने का माध्यम है....‪#‎बाल‬#....शारीरिक वास्तु में प्रकृति.....जटाओं द्वारा सौन्दर्य प्रदर्शन......सांकेतिक पहचान के साथ जोश और उमंग के लिये....मौन रूप से अ

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खास आपके लिये

2 नवम्बर 2016
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आहार, विहार, सदाचार...unknown is ocean & known is DROP....ज्ञानेन्द्रियों मे पानी भर जाये तो मुसीबत और eye-drop और ear-drop से 'जैसे थे'....as it is....सब कचरा साफ़...मन्त्र और सूत्र के रूप मे...हम अपना शरीर वैसा ही बनाते हैं जैसा हम अपने जीवन में अनुभव लेते हैं....हर बार

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विनायक समाधान

26 दिसम्बर 2016
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सबको मालुम है....शून्य का खेल.....एक के बाद एक उपयोग होता रहता है....और अन्त में यही सत्य कि लगातार उपयोग से शून्य पराधीन......आधार ना हो तो नतीजा सिफर.....और आधार मिल जाये तो परिणाम के रूप में शिखर.....लाख और करोड़ शब्द सिर्फ नकद रुपैये-पैसों की गिनती के लिये नहीं....बल्क

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खास आपके लिए

26 दिसम्बर 2016
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आनन्द के लिये हम सम्पुर्ण सर्च इंजिन को खंगाल सकते है....तब यह आध्यात्मिक विषय बन जाता है...यू माय सर्च ईंटो गूगल....जस्ट से "विनायक समाधान".....विनायक समाधान @ ९१६५४-१८३४

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जय गुरुदेव

26 दिसम्बर 2016
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सुर्खिया क्या फैलाये...दीवारों के भी कान होते है....++एक प्रार्थना है जो मात्र वायुमंडल में ही सहज सिद्ध मणि मानी जाती है...."सर्वे भवन्तु सुखिनः"....और वायुमंडल को सक्रिय एवम् अलंकृत करने हेतु एक मात्र विधि अथवा सिद्धि है..... ”कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्म

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जगह की तलाश

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KIND ATTENTION PLEASE....Is there any different kind of PLACE ?....स्थान किस प्रकार का उपयुक्त ?....भीड़-भाड़ से युक्त या भीड़-भाड़ से मुक्त....एकान्त मे अचानक भीड़ प्रकट हो जाये....या फिर भीड़ गायब हो जाये तथा एकदम से एकान्त हो जाये....आकर्षण और विकर्षण का अनोखा खेल.....यह खेल

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जरा बच कर

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बाजार मे एक नही, अनेक बाजीगर....ताबीज़-लाकेट की बिक्री खुल्लेआम... यंत्र की तयशुदा कीमत....आयत को याद करने मे दिलचस्पी कम से कम...महत्व को जाने बिना बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करने की हाय.... परिणाम स्वरूप भाषा से नियंत्रण गायब....यह गहन अध्ययन का विषय हो सकता है कि तंत्र-मंत्र-य

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जनी अचरजु करहु मन माहीं।सुत तप तें दुर्लभ कछु नाहीं।।तपबल तें जग सृजइ बिधाता। तपबल बिष्नु भए परित्ताता।।तपबल संभु करहिं संघारा। तप तें अगम न कछु संसारा।।"सत्यम-शिवम्-सुंदरम".....हर हर महादेव...शतरंज की चालों का खौफ उन्हें होता है ....जो सियासत करते है और रियासत की चाह रखत

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26 दिसम्बर 2016
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खरी-खरी.....कहने, सुनने और रहने के लिये....आराम से....सुनिए....म्हारो हेलो सुणो जी रामा पीर.....धर्म का तो एक ही कहना है...जो तू सच्चा बनिया, तो सच्ची दूकान लगा....नहीं तो सीधी-सच्ची बात....देवालयों से देव निकल जाए तो, उस स्थान की लय गायब हो जाती है....और लय पर टिका है...

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13 मार्च 2017
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आदमी की सबसे बड़ी problem यह कि वह सौ साल से ज्यादा जी नहीं सकता है....पचास साल से ज्यादा जवान नहीं रह सकता है...पच्चीस साल के बाद याददाश्त पर पकड़ नहीं रख सकता है...लेकिन आदमी को वरदान प्राप्त है कि वह कुछ ऐसा लिख सकता है जो सदियों तक कायम रख सके....बिंदु से लेकर रेखाओं तक

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13 मार्च 2017
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शब्द के साथ-साथ ऊँगली को रख कर चलायमान रखने की आदत दोनों स्थिति में संभव है....पेन्सिल की जगह, ऊँगली से "अंडर-लाइन"....किसी भी कलेक्टर का अपना अनुभव....चश्मे के साथ या बगैर चश्मे के....Forever..... Really....रब का वास्ता....JUST FOR YOU....खेल-खेल में....पढ़ते वक्त..FOREVE

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