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जय हो....सादर प्रणाम....

12 जनवरी 2016

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जय हो....प्रणाम.....सहज या संकल्पित...WHATEVER....परन्तु अनिवार्य.....अंदाज़ अपना-अपना....उच्च, समकक्ष, निम्न....और मुश्किल को आसान करने के लिए....एक ही सामान्य आसान उपाय....बारम्बार...‘करत-करत अभ्यास के जङमति होत “सुजान”.....रसरी आवत जात, सिल पर करत निशान’......और जल-घर्षण से कंकर भी ‘शंकर’ बन जावे.....’परम-सुजान’....”महादेव”.... .’विनायक-प्रयास’......आनंद की चर्चा....“विनायक चर्चा”...मात्र शब्दों का आदान-प्रदान.....अर्थात....सदस्य, संपर्क तथा संवाद...पारदर्शिता, नियंत्रण और गठबन्धन...एकाग्रता, एकान्त और प्रार्थना....."सत्यम-शिवम्-सुंदरम"...सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड शिव को सत्य तथा सुन्दर स्वीकार करता है....शिव 'नटराज' है....नृत्य की परिधि में आदि है...मध्य है....अंत है...सम्पूर्ण अभिव्यक्ति....कैवल्य तथा निर्वाण की महासमाधि...ज्ञान की गंगा में शिव, शिवत्व तथा शिवत्व में समर्पण का समावेश हो जाये तो "सत्यम-शिवम्-सुंदरम" की अनुभूति सुनिश्चिंत है...अर्थात शिव-कृपा से प्राप्त निर्मल मति से एहलौकिक एवं पारलौकिक फल की कामनाओं का त्याग करके स्वयं में संतुष्टि का आभास संभव है...गुरु उपदेश मन ही मन में आकाशवाणी के रूप उभर कर मन की आवाज़ बन जाये तो परम आनंद की शुरुआत तथा पुनरावृत्ति शत-प्रतिशत संभव है...और स्वयं ‘सुजान’ ही जाने....सौ सफलता का सुख या सौ विपदाओं का दुःख....’THERE IS NO EASY WAY TO “TOP”….Those who made it…..TO THE “TOP”…..didn’t make it EASY……स्वयं से प्रश्न....What More ?, What Next ?, What Else ?.....The Three Magical Questions that PROPEL Progress....’विनायक-प्रश्नोत्तर’.....भक्त, भक्ति और भगवान को मानव के अतिरिक्त कोई दूसरा समझ ही नहीं सकता है....रिक्त स्थान की पूर्ति.....Fill in the BLANKS....बिल्कुल गणित के सवाल के माफिक.....गणितज्ञ के लिए मात्र गणना ही चमत्कार....‘‘वज्रादपि कठोर एवं कुसुमादपि कोमल’’.....मात्र देख व सुनकर बड़े-बड़े विद्वान चकरा जायें तथा अपढ़ अशिक्षित व बच्चे भी सरलता से उत्तर दे सकें….Save, Send, Publish, Share....स्वयं का निर्णय....हम क्या चाहते है ? और उसे किस प्रकार हासिल करना चाहते है ?...एडिटिंग का अभिप्राय आत्म-संशोधन से है……हमारा ऑडिट तो कोई भी कर देगा……आत्म-संशोधित करने का काम हमें स्वयं करना होगा.....जय श्री महाकाल.....शतरंज की चालों का खौफ उन्हें होता है , जो सियासत करते है और रियासत की चाह रखते है.......अखण्ड ब्रहमांड के राजा महाकाल के भक्त है तो न हार का डर, न जीत का लालच....चिन्ता हो ना भय...सम्पूर्ण निर्भय....’हर-हर महादेव’....चिन्तामण चिन्ता हरे । कष्ट हरे महाँकाल ।। हरसिध्दी माँ सिध्दी दे । आशीष दे गोपाल ||….. ‘खड्ग सिंह के खड़कने से खड्कती है खिड़कियाँ....और खिड़कियों के खड़कने से खडकता है खडग सिंह’...मजा तो बहुत आता है परन्तु समझने का प्रयास अवश्य करना होगा....”HOW MANY TIMES” ???.....समय अपना-अपना....और आदान-प्रदान हो जाए....तो सहज आमने-सामने.....प्रणाम....सब मित्रों के बीच बैठ कर "रघुपति राघव" गाने का आनन्द....मात्र स्वयं का अनुभव.....हार्दिक स्वागतम…..”विनायक समाधान” @ 91654-18344...(INDORE/UJJAIN/DEWAS)..

आनन्द जगदीश की अन्य किताबें

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जय हो....सादर प्रणाम....

12 जनवरी 2016
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जय हो....प्रणाम.....सहज या संकल्पित...WHATEVER....परन्तु अनिवार्य.....अंदाज़ अपना-अपना....उच्च, समकक्ष, निम्न....और मुश्किल को आसान करने के लिए....एक ही सामान्य आसान उपाय....बारम्बार...‘करत-करत अभ्यास के जङमति होत “सुजान”.....रसरी आवत जात, सिल पर करत निशान’......और जल-घर्षण से कंकर भी ‘शंकर’ बन जावे.

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विनायक समाधान

12 जनवरी 2016
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यकीन मानिए.....‪#‎भूलभुलैया‬#......कोई भी साधारण कार्य आसान हो सकता है......हर कार्य को आसान समझना आसान है....कोई कार्य आसान हो या ना हो....परन्तु किसी भी कार्य को आसान बनाने के लिए....अनेक आसान प्रयत्न करने में कोई कठिनाई नहीं.....कोई प्रयत्न लगातार करने से बारम्बार आसानी का अनुभव बहुत आसान कार्य ह

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राम राम सा.....जय हो....सादर नमन....प्रणाम

12 जनवरी 2016
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यकीन मानिए.... ‪#‎LIVE‬#.......‪#‎अन्तर्राष्ट्रीय‬ संबोधन#....प्रत्येक भारतीय का सम्पूर्ण विश्व को.....‪#‎राम‬-राम#....‪#‎भूलभुलैया‬#...हरगिज नहीं......मात्र गति का अनुभव....COPY, PASTE & EDIT……तत्पश्चात......Save, Send, Publish....जीवन को....”कोरा कागज़ के स्थान पर भरा-पूरा अखबार”.....मान सकते है...

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अंतर्राष्ट्रीय....मन की आवाज......

24 जनवरी 2016
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JUST INTERNATIONAL....FROM THE DESK OF #VINAYAK SAMADHAN#....WITH DUE RESPECT.....TO ALL RESPECTED FRIENDS.....जय हो....शुभ-दिवस....सोशल मीडिया पर सब-कुछ....बहुतायत में बहुत-कुछ कहा जारहा है....और #कुछ# को #बहुत# ना बनाते हुए....कुछ-कुछ....#मन की बात# शत-प्रतिशत.....#सहिष्णु#....हे प्रभु....हर आईने

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https://plus.google.com/+ANANDJAGDISH91654-18344/posts/QR4cicyfGDs

28 जनवरी 2016
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#‎केश‬-लोचन#....बाल की खाल निकलना हरगिज नहीं बल्कि खाल में से बाल निकालना........पूर्ण काल्पनिक....मात्र बहस पर आधारित तहकीकात.... बल को प्रकट करने का माध्यम है....‪#‎बाल‬#....शारीरिक वास्तु में प्रकृति.....जटाओं द्वारा सौन्दर्य प्रदर्शन......सांकेतिक पहचान के साथ जोश और उमंग के लिये....मौन रूप से अ

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खास आपके लिये

2 नवम्बर 2016
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आहार, विहार, सदाचार...unknown is ocean & known is DROP....ज्ञानेन्द्रियों मे पानी भर जाये तो मुसीबत और eye-drop और ear-drop से 'जैसे थे'....as it is....सब कचरा साफ़...मन्त्र और सूत्र के रूप मे...हम अपना शरीर वैसा ही बनाते हैं जैसा हम अपने जीवन में अनुभव लेते हैं....हर बार

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विनायक समाधान

26 दिसम्बर 2016
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सबको मालुम है....शून्य का खेल.....एक के बाद एक उपयोग होता रहता है....और अन्त में यही सत्य कि लगातार उपयोग से शून्य पराधीन......आधार ना हो तो नतीजा सिफर.....और आधार मिल जाये तो परिणाम के रूप में शिखर.....लाख और करोड़ शब्द सिर्फ नकद रुपैये-पैसों की गिनती के लिये नहीं....बल्क

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खास आपके लिए

26 दिसम्बर 2016
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आनन्द के लिये हम सम्पुर्ण सर्च इंजिन को खंगाल सकते है....तब यह आध्यात्मिक विषय बन जाता है...यू माय सर्च ईंटो गूगल....जस्ट से "विनायक समाधान".....विनायक समाधान @ ९१६५४-१८३४

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जय गुरुदेव

26 दिसम्बर 2016
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सुर्खिया क्या फैलाये...दीवारों के भी कान होते है....++एक प्रार्थना है जो मात्र वायुमंडल में ही सहज सिद्ध मणि मानी जाती है...."सर्वे भवन्तु सुखिनः"....और वायुमंडल को सक्रिय एवम् अलंकृत करने हेतु एक मात्र विधि अथवा सिद्धि है..... ”कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्म

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जगह की तलाश

26 दिसम्बर 2016
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KIND ATTENTION PLEASE....Is there any different kind of PLACE ?....स्थान किस प्रकार का उपयुक्त ?....भीड़-भाड़ से युक्त या भीड़-भाड़ से मुक्त....एकान्त मे अचानक भीड़ प्रकट हो जाये....या फिर भीड़ गायब हो जाये तथा एकदम से एकान्त हो जाये....आकर्षण और विकर्षण का अनोखा खेल.....यह खेल

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जरा बच कर

26 दिसम्बर 2016
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दुर्घटना से सावधानी भली....आखिर हत्याओं से ज्यादा हादसों में ज्यादा जानो-माल का नुक्सान...विचारों की गति पर नियंत्रण अर्थात क्रोध पर नियंत्रण मतलब तनावपूर्ण स्थिति भी नियंत्रण मे....और इसका एक ही रहस्य है....करत-करत अभ्यास के गुणमति होत सुजान.....सफलता का सरल उपाय....सबके

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अध्ययन हेतु

26 दिसम्बर 2016
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सोते समय शरीर सुन्न हो जाये तो चिंता का विषय...तब विचारों की गति एवं अशुद्धता एक मात्र वजह....दिमाग सुन्न होने वाली बात नही....विचार शून्य होने वाली बात तो बिल्कुल नही....सुन्न का समकक्ष शब्द है, निष्क्रिय या उदासीन और विपरीत शब्द होता है, सक्रीय या चंचल....और मस्तिष्क मे

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कैमरे की नज़र

26 दिसम्बर 2016
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बाजार मे एक नही, अनेक बाजीगर....ताबीज़-लाकेट की बिक्री खुल्लेआम... यंत्र की तयशुदा कीमत....आयत को याद करने मे दिलचस्पी कम से कम...महत्व को जाने बिना बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत करने की हाय.... परिणाम स्वरूप भाषा से नियंत्रण गायब....यह गहन अध्ययन का विषय हो सकता है कि तंत्र-मंत्र-य

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हर हर महादेव

26 दिसम्बर 2016
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जनी अचरजु करहु मन माहीं।सुत तप तें दुर्लभ कछु नाहीं।।तपबल तें जग सृजइ बिधाता। तपबल बिष्नु भए परित्ताता।।तपबल संभु करहिं संघारा। तप तें अगम न कछु संसारा।।"सत्यम-शिवम्-सुंदरम".....हर हर महादेव...शतरंज की चालों का खौफ उन्हें होता है ....जो सियासत करते है और रियासत की चाह रखत

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भले पधारो सा

26 दिसम्बर 2016
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“तदेजति तन्नैजति तद दूरे तद्वन्तिके....तदन्तरस्य सर्वस्य तदु सर्वस्यास्य बाह्यतः”........ इतनी सी यात्रा साधना की....हर दिन नया सवेरा...हर रात के बाद सुबह....चमत्कार का सरल नियम....कब?, क्यों?, कैसे?.....इत्यादि प्रश्नों के उत्तर बुद्धि से ही संभव है....तीनो पहलु अपने-अपन

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करोड़पति

26 दिसम्बर 2016
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Earn Wealth Only by Moral Means......What is the use of earning money with hard work.....if it is to turn into a source of anxiety?.... A rich man spends his entire life in acquiring wealth, but in the absence of awareness of God, the wealth ultimately ruins him. However,

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परीक्षा

26 दिसम्बर 2016
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एक परीक्षा स्वयं के लिये, स्वयं द्वारा.....we have to give the ANSWERS…..now start please…Q1—HOW OFTEN DOES OUR MIND GO UPSET or FAULTY ?……very frequently, frequently, occasionally, very rarely….Q2—HOW OFTEN OUR CONNECTION GO BREAK WITH GOD ?….. very frequently, frequentl

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धर्म का मतलब

26 दिसम्बर 2016
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खरी-खरी.....कहने, सुनने और रहने के लिये....आराम से....सुनिए....म्हारो हेलो सुणो जी रामा पीर.....धर्म का तो एक ही कहना है...जो तू सच्चा बनिया, तो सच्ची दूकान लगा....नहीं तो सीधी-सच्ची बात....देवालयों से देव निकल जाए तो, उस स्थान की लय गायब हो जाती है....और लय पर टिका है...

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त्रिकोणीय शक्ति

26 दिसम्बर 2016
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मात्र आस्था एवम् प्रार्थना के आधार पर...सामाजिक त्रिकोण में धार्मिक आधार का अपना महत्त्व है....धर्म , विज्ञानं एवम् साहित्य....ये तीनो पहलू हमारे भीतर मौजूद है...हम प्रतिदिन इन पहलूओ पर कार्य करते है....घर, मंदिर और कार्यालय या दूकान अर्थात राज्य-पक्ष....और सब जगह हम स्वय

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समस्या

13 मार्च 2017
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आदमी की सबसे बड़ी problem यह कि वह सौ साल से ज्यादा जी नहीं सकता है....पचास साल से ज्यादा जवान नहीं रह सकता है...पच्चीस साल के बाद याददाश्त पर पकड़ नहीं रख सकता है...लेकिन आदमी को वरदान प्राप्त है कि वह कुछ ऐसा लिख सकता है जो सदियों तक कायम रख सके....बिंदु से लेकर रेखाओं तक

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हमेशा

13 मार्च 2017
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शब्द के साथ-साथ ऊँगली को रख कर चलायमान रखने की आदत दोनों स्थिति में संभव है....पेन्सिल की जगह, ऊँगली से "अंडर-लाइन"....किसी भी कलेक्टर का अपना अनुभव....चश्मे के साथ या बगैर चश्मे के....Forever..... Really....रब का वास्ता....JUST FOR YOU....खेल-खेल में....पढ़ते वक्त..FOREVE

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