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विनोद पांडेय "तरु" के बारे में

Blogger, poet ,motivator and writer

पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-01-09

विनोद पांडेय "तरु" की पुस्तकें

साहित्य चेतना

साहित्य चेतना

साहित्य संग्रह ,काव्य व लेख

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साहित्य चेतना

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साहित्य संग्रह ,काव्य व लेख

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साहित्य चेतना[विचार क्रांति]

साहित्य चेतना[विचार क्रांति]

A collection of own motivational quotes to inspire ,awaken and to make realise mankind their true potential ........

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निःशुल्क

साहित्य चेतना[विचार क्रांति]

साहित्य चेतना[विचार क्रांति]

A collection of own motivational quotes to inspire ,awaken and to make realise mankind their true potential ........

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साहित्य चेतना [लेख]

साहित्य चेतना [लेख]

सारगर्भित एवं संदर्भित लेख

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साहित्य चेतना [लेख]

साहित्य चेतना [लेख]

सारगर्भित एवं संदर्भित लेख

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विनोद पांडेय "तरु" के लेख

शिकायत

11 अप्रैल 2024
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 🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹 ******************** 🌴🌴🌴🌴🌴🌴         🌹 *शिकायत* 🌹       ┅━❀꧁꧂❀━┅┉           🌹 🌹 🌹 🌹 🌹🌹🌹 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴                        *अगर देखा जाए तो

सलीका

11 अप्रैल 2024
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*सलीका*     ┅━❀꧁꧂❀━┅┉           🌹 🌹 🌹 🌹 🌹                                        *किसी ने खूब कहा बातहि हाथी और बातहि हाथी पाँव । बात करने की तरीके से ही आप पूरा का पूरा हाथी पा सकते है और

सलीका

11 अप्रैल 2024
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*सलीका*     ┅━❀꧁꧂❀━┅┉           🌹 🌹 🌹 🌹 🌹                                        *किसी ने खूब कहा बातहि हाथी और बातहि हाथी पाँव । बात करने की तरीके से ही आप पूरा का पूरा हाथी पा सकते है और

परिवर्तन

11 अप्रैल 2024
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*परिवर्तन*              ┅━❀꧁꧂❀━┅      *परिवर्तन प्रकृति का नियम  है। यह एक निश्चित प्रक्रिया है। परिवर्तन विकास और बदलाव दोनों के लिए आवश्यक है। परिवर्तन* *सृजनशीलता की एक कड़ी है। कालान्तर में भौ

साहस

11 अप्रैल 2024
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🌹  🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹🌹 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌹🌹🌹 *साहस* 🌹🌹🌹 ***************************** 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 *साहस एक सर्वोत्तम मानवीय  गुण है । साहस व्यक्तिगत होता है । हर व्यक्त

माँ

11 अप्रैल 2024
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माँ-माँ होती हैं।। मां के अनुपस्थिति में या तो लोग बिखर जाते हैं या निखार जाते हैं ।। मां अपने उपस्थिति में अपने बच्चों को निखारती है और अनुपस्थिति में भी बच्चों को निखारती है इस पृथ्वी लोक पर भी रहकर

स्वयं से प्रश्न

10 अप्रैल 2024
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इस गम-ए-नसीहत को राह नहीं दिखता बुलाने पर भी कोई पास नहीं दिखता। बेताबी और भी बढ़ जाती जब हाथ कुछ खास नहीं आती। उदासी का मंजर गम का सैलाब बन जाता उम्मीदों का घड़ा टूट अपने वजूद में

स्वयं से प्रश्न

10 अप्रैल 2024
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इस गम-ए-नसीहत को राह नहीं दिखता बुलाने पर भी कोई पास नहीं दिखता। बेताबी और भी बढ़ जाती जब हाथ कुछ खास नहीं आती। उदासी का मंजर गम का सैलाब बन जाता उम्मीदों का घड़ा टूट अपने वजूद में

शिकायत

10 अप्रैल 2024
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 🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹 ******************** 🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌹 *शिकायत* 🌹       ┅━❀꧁꧂❀━┅┉       🌹 🌹 🌹 🌹 🌹🌹🌹 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴                        *अगर देखा जाए तो जिंदगी के दो ही

विचार क्रांति

10 अप्रैल 2024
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🌹🌹 *विचार क्रांति* 🌹🌹 :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: *जब अशांत जल में कोई प्रतिबिंब नहीं बनता*   *तो अशांत  मन से कैसे कोई निर्णय लिया जा सकता है*   *सही प्रतिबिंब के लिए ज

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