🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹
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🌹 *शिकायत* 🌹
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*अगर देखा जाए तो जिंदगी के दो ही पहलू है लाभ -हानि , जीवन- मरण ,आशा -निराशा ,सुख - दुख दिन-रात।। ठीक उसी प्रकार शिकायत के दो ही आयाम है शिकायत और प्रशंसा ।। शिकायत और प्रशंसा दोनों अपने आप में महत्वपूर्ण है किसी की नकारात्मकता है तो किसी की सकारात्मक ।। शिकायत को इतने गिरे हुए निगाहों से देखना उचित नहीं शिकायत भी कभी-कभी जबरदस्त अमुक व्यक्ति में परिवर्तन लाता है* ।। *कभी-कभी व्यक्ति को अपनी कमियों का एहसास नहीं होता , अपने दुर्गुणों का एहसास नहीं होता , अपने असफलताओं के कारणों का एहसास नहीं होता , उसका अवलोकन कोई दूसरा व्यक्ति करता है फिर उसे सुधारने के रूप में एक शिकायती रूप में बताता है कि आपका वास्तविक कारण यह है असफल होने का, दुख होने का या ना सुधारने का या ना परिवर्तन होने का ।। कभी-कभी शिकायत ही व्यक्ति में अमूल- चूल परिवर्तन लाता है । इसलिए शिकायत को सकारात्मक रूप में देखा जाए हो सकता है यह हमारी कर्मियों को दूर करने में सहायक हो* ।। *अगर शिकायत सकारात्मक नहीं है उसको उसी उसी क्षण तुरंत अनावश्यक रूप समझ करके छोड़ देना चाहिए।। लेकिन शिकायत के बिना जीवन हो ये संभावना नहीं है ।। जीवन है तो शिकायत है और शिकायत है तो जीवन है ।।लेकिन शिकायत इतनी भी ना बढ़ जाए की जीवन ही शिकायत बन जाए और शिकायत ही जीवन बन जाए।। तालमेल ही जीवन का एक अभेध किला है* । *यह ताल-मेल ही जीवन के रंग है ।। इसलिए शिकायत और प्रशंसा दोनों को साथ लेकर चलते रहना चाहिए किसी ना किसी रूप में यह हमें पूर्णता के रूप में ही ले जाते हैं* ।। *धन्यवाद*
*विनोद पांडेय* " *तरु* "
*भारत खंड जंबूदीप*
🚩 *22 जनवरी* , *2024* 🚩
🚩🙏 *राम लला प्राण प्रतिष्ठा* 🙏🚩