क्या तुम बहरी हो या बोल नहीं सकती अमित चिल्लाया
वो औरत बिना किसी हाव भाव के निचे सीढ़ी से जाने लगी
क्या तुम बता सकती हो इसकी चाभी कहाँ है ?
न जाने वो औरत क्या दिखाना चाह रही थी। अमित बस खड़ा खड़ा उसे देख रहा था।
अमित बोला मै भी आता हूँ ! हे भगवान् क्या मुसीबत है !
कहाँ ले जा रही है ये ?
वो एक जगह गयी और एक कुए के पास जाकर रूक गयी और कुए की तरफ इशारा कर के कुछ दिखने लगी।
अमित ने सोचा बड़ी अजीव है ये औरत कुए की तरफ क्या दिखा रही है चाबी क्या इसके अंदर है क्या पागल है ये ?
अमित ने कुए मै झाँका तो उसकी चीख ही निकल गयी उस लड़की की लाश उस कुए मै थी ओह माय गॉड !
अमित के चेहरे पर पसीना उसका डर बयां कर रहा था।
अमित की आखे उसलड़की की आँखों से मिली उसने सोचा
हे भगवान् !इस लड़की की तो पुतलिया ही नहीं है !
वो बच्ची कुए मै उठ कर बैठ गयी
अमित की चीख निकल गयी है भगवान् !
अमित ने सोचा क्या ये मेरा भ्रम है
मुझे मतिभ्रम हो रहा है क्या ?
पर इतने मै वो लड़की कुए के ऊपर कड़ी थी उसका हाथ अमित के कंधे पर था
उसने अमित को कुए मै खिंच लिया
अमित चिल्लाया बचाओ बचाओ मै मरना नहीं चाहता !आह !!
थोड़ी देर बाद वहां एक शैतानी ख़ामोशी थी
रात बदल गयी दिन बीतते गए इस तरह सात दिन बीत गए पर उस रात अमित के साथ क्या हुआ,ये किसी को पता नहीं चला हाँ एक लावारिश कार जरूर दिखती थी मज़दूरों को। आखिर कार मज़दूरों ने इसकी खबर पुलिस को की और पुलिस ने उसे उठवा लिया पर किसी को अमित की कोई जानकारी नहीं थी।
सात दिन बाद - मुंबई की रियल एस्टेट कम्पनी -कुमार एंड संस बिल्डर्स मै अमित का पार्टनर सार्थक
अमित कहाँ है अभी तक कोई जबाव नहीं आया सात दिन हो गए अभी तक कोई खबर नहीं है कहाँ ये इतना लापरबाह तो नहीं है वो।
सर क्या आप फ्री है सार्थक की एम्प्लॉय ने कहा
सार्थक "हद है!' पल्लवी ,तुम मुझे सर क्यों बुला रही हो ?और हाँ तुमने आज के हमारे रात फिल्म देखने के प्लान के बारे मै क्या सोचा
पल्लवी क्योकि ये ऑफिस है सर और यहाँ मुझे प्रोफेशनल ही रहना होगा
ओके मिस पल्लवी। तुम मुझे क्या बताने आयी थी आपके इन्वेस्टर मिस्टर भोजवानी आपसे मिलने आये है। थोड़े परेशान लग रहे है।
अमित जी से संपर्क नहीं हुआ सात दिन से ,शायद इसीलिए ?