घर हर किसी का एक घर होता है।
चाहे वो घोंसला हो या किसी शेर की गुफा या किसी इंसान का मकान ।
हर किसी को अपने घर से लगाव हो ही जाता है कई बार इस हद तक की अपने इसी लगाव के कारन वो आपने घर को नहीं छोड़ पाते।
पर अगर मर कर भी अपना घर न छूटे तो वहां छा जाता है एक शापित
वीराना