आज तो तुम से ऐप के जरिए मिल
ही नही पाऊंगी।पता नही आज सुबह से शब्द.इन एप से अपने आप
लाग आऊट हो मैंने फेसबुक से लाग इन किया हुआ है ।आज कुछ गड़बड़ी हो गयी है शायद
शब्द इन की ऐप पर आज सुबह से ना तो मैंने अपनी रचनाएं देखी है और ना अपने साथी
लेखक व लेखिकाओं की रचना पढ ही पाई हूं।अब तुम्हारे से भी मुलाकात समूह मे अपना
वार्तालाप होगा।मैने टेक्निकल टीम को भी कयी बार बोला है वो कह रहे है कि कुछ तकनीकी
खराबी हैं जो फेसबुक से लाग इन नही हो रहा।
मन उदास है अच्छा चलती हूं अलविदा