फरवरी यानि प्यार का महीना,वैसे तो प्यार करने, जताने के लिये किसी फिक्स समय,महीना, तारीख की जरूरत नहीं होती है,,लेकिन फिर भी फरवरी आते ही मौसम खुशनुमा हो जाता है।चारों तरफ बस प्यार का रंग और खुमार छा जाता है।बाजार के साथ साथ लोगों के दिलों में अरमान भी सजने लगने लगते है।
आपके पास कोई वैलेंटाइन हो या न हो लेकिन भी माहौल खुशनुमा रहता है।जिनके पास वैलेंटाइन है तो उनकी बात ही अलग है।
अदिति भी बहुत खुश थी,उसकी खुशी का कारण था उसका प्यार करन।इस वैलेंटाइन डे पर अदिति के पास भी कोई है जो उससे प्यार करता है।हालांकि अदिति और करन दोनों एक दूसरे से बहुत दूर रहते है,लेकिन प्यार का अहसास दोनों को करीब रखता है और इंटरनेट भी इनको अलग नहीं होने देता।
"आपके होठों पे सदा खिलते गुलाब रहे,
खुदा न करें आप कभी उदास रहे,
हम आपके पास चाहे रहे न रहे,
आप जिन्हें चाहे वो आपके पास रहे।।"
"Happy Rose Day sweetheart"😘
सुबह होते ही अदिति ने अपने वट्सप पर करन का msg देखा।अदिति तो खुशी से झूम उठी।हम तो तुम्हें चाहते है मेरे स्वीटु,,और मैं तुम्हें ।। उसने जल्दी से रेड रोज की पिक डाऊनलोड करके अपनी और करन की फ़ोटो के साथ एडिट करके करन को भेज दिया और रोज डे विश किया।
फिर करन अपने आफिस चला गया और अदिति अपने।शाम को दोनों की थोड़ी फोन पर बात हुई।
अगले दिन यानि प्रपोज़ डे पर भी अदिति ने अपने अनोखे अंदाज में पिक्स एडिट करके करन को भेज दिए।करन ने भी विश किया और आफिस चला गया।
दोपहर को जब अदिति फेसबुक चला रही थी तो उसने किसी पेज पर कुछ प्रपोज़ डे की कुछ पिक्स देखी।अदिति को अच्छी लगी तो सेव करली।हर लड़की की ख्वाहिश होती है कि उससे भी कोई प्यार जताए अनोखे अंदाज में।
शाम को अदिति ने करन को वही पिक्स सेंड कर दिए और जब फोन किया तो पूछा कि पिक्स कैसे लगे।
"अच्छे है सारे " करन ने कहा।
अदिति- "मैं उन पिक्स की बात कर रही हूं जो कुछ देर पहले भेजे थे।"
करन-"अच्छा वो",
"वो भी अच्छे है।"
अदिति थोड़ा जानबूझ के मुँह बनाते हुए-"तुमने तो मुझे कभी ऐसे प्रपोज़ ही न किया",,
करन-"अच्छा"
अदिति-"हम्म",
करन-"वैसे प्रपोज़ करने के लिये वैसा होना भी चाहिये",,
"देखो उसमें जो लड़की है,कितनी मस्त है और उसकी कमर देखो कितनी कमाल की है।"
अदिति-"हम्म"(थोड़ा दुःखी होते हुए) क्योकि उसे थोड़ा बुरा लगा था।
"ओके बाय " कहकर अदिति ने फोन रख दिया।
अदिति जानती थी कि करन ने ये बात मजाक में कही है,लेकिन उसे बुरा लगा था इसलिये उसने फोन रख दिया था।
इधर करन भी समझ गया कि अदिति बुरा मान गई और गुस्सा हो गई है,इसलिये करन ने झट से अदिति को फोन किया लेकिन अदिति ने नहीं उठाया। करन ने उसे लगातार कॉल किया लेकिन
अदिति ने नहीं उठाया।
फिर करन ने अदिति को msg किया
"मजाक कर रहा था"।।
करन-"जरा सा मजाक भी नहीं कर सकते है',
"लेकिन तुमको तो अपना नखरा दिखाना है।"
अदिति-"तुम्हारा यही मजाक क्यों हर बार रहता है??" , "और मैं कोई नखरा नहीं कर रही।"
करन-"तुमको तो जरा सी बात का बतंगड़ बनाने की आदत है,"
"हो गई नौटंकी शुरू",,,
अदिति-"मैं नौटंकी कर रही हूँ???"
करन-"और नहीं तो क्या",,
"मजाक का इशू बना रही हो।"
"बहुत दिनों से लड़ी नहीं हो न , इसलिये ये सब कर रही हो।"
अदिति-"मैं कोई लड़ाई नहीं कर रही हूँ, न मुझे लड़ना है",,,
"बस मेरा अभी मूड नहीं,इसलिये बात नहीं करनी।"
करन-"ठीक है मत करो",
"अब करोगी न कॉल तो मैं भी नहीं रिसीव करूंगा।"
अदिति-हाँ नहीं करेगें,,,
"'कर लेना किसी पतली कमर वाली से प्यार और करलो शादी भी । मेरी तो कमर 36 इंची है न और तुमको 24 चाहिये।।इसलिये पूरी जिंदगी भर तुमको भी ताना सुनना पड़ेगा कि कैसी बीबी लाये हो।
करन(गुस्सा करते हुए)-"वाह तुम्हारी सोच",,"तुम ऐसा सोचती हो मेरे वारे में,,
"अब मेरा भी दिमाग खराब कर दिया तुमने",,,
"ओके बाय , गुड नाईट"
कह कर करन ने अपना फोन बंद कर दिया।
करन और अदिति दोनों ही जहाँ अपना वैलेंटाइन स्पेशल बनाना चाहते थे लेकिन उल्टा खराब हो गया था।
दोनों उदास हो गए। न अदिति को नींद आ रही थी, न करन को। दोनों ही अनजाने में एक दूसरे से नाराज हो गए और लड़ाई भी हो गई। एक दूसरे को हर्ट कर दिया।
अदिति बिस्तर से उठी और एक बार खुद को आईने में निहारने लगी।
अदिति सोचने लगी कि उसकी एक कमी वाकी खूबियों पर असर कर रही है।अदिति सुंदर है,गोरा रंग,बड़ी बड़ी आंखें,बढ़िया नैन नक्श,गाल पर तिल,औसत कद काठी और उसकी सुंदर सी स्माइल किसी को भी उसका दीवाना बना सकती है।बस उसकी कमर 24,26,28 नहीं थी।उसने काफी कुछ किया भी लेकिन ज्यादा फर्क नहीं दिखता ।बचपन से ही उसके पेट थोड़ा आगे है और कमर अंदर धंसी हुई।जिसकी वजह से उसकी कमर बड़ी लगती।लेकिन ये बात किसी सामने वाले को समझाना थोड़ी मुश्किल रहती।वो इसलिये क्योकि आज के इस जमाने में सब चाहते है कि उसका फिगर एक दम हीरोइन के जैसे हो।दूसरा इंसान भी अपने पार्टनर को अट्रैक्टिव,बढ़िया फिगर चाहता है।
समाज ने सुंदरता का एक पैमाना बना लिया है जिससे हर किसी को परख सके।थोड़ा भी इधर उधर हुआ तो उसे लोग छेड़ने लगते है,समाज के लायक नहीं बताते।ताने मारते है ।मोटा-मोटी, थुलथुल, जैसे अनेक उपनामों से चिढ़ाते है ।कुछ इन सब को इग्नोर कर जो आगे बढ़ता है तो उसका मनोबल कम करते है।आज लोग शारिरिक सुंदरता को ही महत्व देने लगे है।
अगर किसी दूसरे को सलाह देनी हो तो मन की सुंदरता की बात करेगें,लेकिन जब खुद की बात आती है तो सब कुछ भूल के समाज के उसी शारिरिक सुंदरता के पैमाने को अपनाते है।।
हालांकि अदिति इन सब बातों को इग्नोर करती और खुद को मेंटेन रखने की कोशिश करती।लेकिन कभी कभी ये बात उसे परेशान कर देती है जैसे आज एक छोटी सी बात ने अदिति और करन के बीच नोंक झोंक हो गई।अब अगली सुबह ही दोनों की दोस्ती होगी,ये सब सोचते सोचते अदिति कब सो गई उसे पता ही नहीं लगा।।