23 फरवरी 2018
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मेरा नाम अतुल कुमार हैँ। मैँ कानपुर का रहने वाला हूँ। मैने इले॰ इजीँ॰ मे डिप्लोमा किया हैँ। मुझे शायरी कविता लिखना और गाना गाना पसंद हैँ। मुझे अपनी राष्ट्र भाषा बहुत पसंद हैँ।D
मुझे गम नही किसी से जुदा होने का मुझे तो गम है ज़िंदगी से जुदा होने का
मुझे फेंक मत किसी रह में मैं phul नही किसी aur की मुझे दिल से लगा ले माँ मैं बेटी हूँ अपने देश की तेरे छाव tale माँ मैं रहकर जीवन पार karungi padh लिख कर तेरा naam मैं रोशन करुँगी अपने देश की शान मैं भी बनुगि मुझे फेंक मत किसी रह में मैं phul नही किसी aur की
हैं ये उन दिनों की बात हमारी जब कॉलेज में कहानी थी ,वो अमावस की काली रात पर जब रोशनी कीमेहरबानी थी,चिन्ताओ के अधरों में जब खान पान हमभूले थे,खोये थे ख्यालो में जिनके उनसे ज़िंदगीरवानी थी,छुप कर ताका करती थी,वो पगली दीवानी थी|जात पात को समझ नहीं जब धर्मो को पहचानीथी,त
भिगो न दे पलके तुम्हारी संभाल लो सितम अभी अधूरा ही हैं साहेब फितरत जमाने की बदलती नहीं उनके इरादे तुम क्या खाक बदलोगे #अतुल हिंदुस्तानी
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