मेरा नाम अतुल कुमार हैँ। मैँ कानपुर का रहने वाला हूँ। मैने इले॰ इजीँ॰ मे डिप्लोमा किया हैँ। मुझे शायरी कविता लिखना और गाना गाना पसंद हैँ। मुझे अपनी राष्ट्र भाषा बहुत पसंद हैँ।
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भिगो न दे पलके तुम्हारी संभाल लो सितम अभी अधूरा ही हैं साहेब फितरत जमाने की बदलती नहीं उनके इरादे तुम क्या खाक बदलोगे #अतुल हिंदुस्तानी
हैं ये उन दिनों की बात हमारी जब कॉलेज में कहानी थी ,वो अमावस की काली रात पर जब रोशनी कीमेहरबानी थी,चिन्ताओ के अधरों में जब खान पान हमभूले थे,खोये थे ख्यालो में जिनके उनसे ज़िंदगीरवानी थी,छुप कर ताका करती थी,वो पगली दीवानी थी|जात पात को समझ नहीं जब धर्मो को पहचानीथी,त
तेरी खूबसूरती को बयान भी क्या करे साहेब फ़क्त नैनों की बात नहीं हैं तू खुद एक चाँद का टुकड़ा हैं तू ही चांदनी हैं तेरे नखरों की कहानी अधूरी हैं पर तू लड़की शर्मीली हैं अब तुझे शब्दों में बयान क्या करे साहेब तू पारी सी लड़की
मुझे फेंक मत किसी रह में मैं phul नही किसी aur की मुझे दिल से लगा ले माँ मैं बेटी हूँ अपने देश की तेरे छाव tale माँ मैं रहकर जीवन पार karungi padh लिख कर तेरा naam मैं रोशन करुँगी अपने देश की शान मैं भी बनुगि मुझे फेंक मत किसी रह में मैं phul नही किसी aur की
हम किस बात का इंतजार कर रहे है हम आतंकवाद को क्यों जिन्दा पकड़ने के लिए आपने जवानो की शहीद करते है आखिर हमने सबूत बटोर कर क्या कर लिया है जो हम आज भी सबूत बटोरते है
मुझे गम नही किसी से जुदा होने का मुझे तो गम है ज़िंदगी से जुदा होने का