न्यायपालिका ने दिया, सुखद फैसला आज।
गौरैया महफूज अब,नौंच न पाये बाज ।
नोंच न पाये बाज,दिया है तोड़ सिकंजा ।
तोड़ा तीन तलाक,बुरा था खूनी पंजा ।
बदल गए हालात, प्रथा ये खत्म हलाला।
*अनहद* सा प्रतिमान,लुप्त ये दर्द भाल का।
हर्षित नार अपार, धन्य वो न्याय पालिका।
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*अनहद गुंजन* सर्वाधिकार सुरक्षित 23/08/17