प्रणय गीत (सरसी छ्न्द)
सागर से गहरा अम्बर से,है ज्यादा विस्तार ।कुछ लफ्जों में कैसे लिख दूँ, अपने दिल का प्यार ।अवचेतन मन में बस मेरे, तेरा ही तो ठौर।बदल अभी ये दुनिया जाए, बदले चाहे दौर।रोना गाना हँसना तुमसे,जीत तुम्हीं से हार ।छंद गीत तुम गज़ल रुबाई, हो तुम ही अशआर ।आते ही आगोश तुम्हारे, लेती आंखें मूंद।ज्यूँ सहेज के रख