जिंदगी भी क्या है, बचपन से लेकर बुढ़ापे तक भाग-भागम, पहले अपने पैरों पर चलने की जल्दी में घुटने छिलवाए. किसी तरह चलना शुरू किया तो घर की चौखट लांघने की जल्दी. थोड़ा आगे बढ़े तो स्कूल में एडमिशन की भाग-दौड शुरू. ले देकर मम्मी डैडी ने एडमिशन करा दिया तो क्लास में आगे निकलने