मेरे मेहबूब तुजहे सलाम बागवत के गीत: मेरे मेहबूब तुजहे सलाम 1982 बॉलीवुड फिल्म बागवत से एक सुंदर हिंदी गीत है। यह गीत लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल द्वारा रचित है। मोहम्मद रफी और आशा भोसले ने इस गीत को गाया है। इसके गीत आनंद बक्षी द्वारा लिखे गए हैं।बग़ावत (Baghawat )मेरे महबूब तुझे सलाममेरे महबूब तुझे सल
'बागवत' 1 9 82 की हिंदी फिल्म है जिसमें धर्मेंद्र, रीना रॉय, हेमा मालिनी, अमजद खान और पेंटल प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हमारे पास बागवत के एक गीत गीत हैं। लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल ने अपना संगीत बना लिया है। मोहम्मद रफी और आशा भोसले ने इन गीतों को गाया है, जबकि आनंद बक्षी ने अपने गीत लिखे हैं।इस फिल्म
गज़ल चाँद बोला चाँदनी, चौथा पहर होने को है. चल समेटें बिस्तरे वक्ते सहर होने को है. चल यहाँ से दूर चलते हैं सनम माहे-जबीं. इस जमीं पर अब न अपना तो गुजर होने को है. है रिजर्वेशन अजल, हर सम्त जिसकी चाह है. ऐसा लगता है कि किस्सा मुख़्तसर होने को है. गर सियासत ने न समझा दर्द जनता का तो फिर. हा