रोता है मेरा अंतर्मन , बालासोर की दुर्घटना से।गई तीन सौ जान यहां , कारकोरम दुर्घटना से।हंसती मुस्कुराती जिंदगी , सपनों के साथ चली गई।कुछ हमसफर के साथ गई, कुछ अपनों को खोकर चली गई।।जिम्मेदारी लेगा कौन
दुर्घटना के उपरांत न्यायिक जांच समसामयिक प्रथा बन चुकी है। वह जांच न्यायिक अधिकारियों के द्वारा करवाई जाए या न्यायिक विशेषज्ञ आयोग द्वारा करवाई जाए। परन्
गतांक से आगे:-सूरजसेन के द्वारा नाम पूछने पर वो लड़की जो अभी तक भेड़िए के डर से उससे ऐसे लिपटी थी जैसे पेड़ पर लता लिपटी हो लेकिन जब उसने नाम पूछा तो वह सुकचाने लगी और बहुत ही धीमे स्वर में कहा"चंचला"