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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-09-25
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न्यायिक नपुंसकता और मौलिक कर्तव्यों की चक्की में सिसकते मौलिक अधिकार !

न्यायिक नपुंसकता और मौलिक कर्तव्यों की चक्की में सिसकते मौलिक अधिकार !

यह उपन्यास लेखक द्वारा सत्य पर आधारित साक्ष्यों सहित एक व्यथा है जिसे लेखक माननीय उच्चतम न्यायालय के वर्तमान माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री डी वाई चंद्रचूड़ जी को न्याय हेतु लिख रहा है। जिसका उद्देश्य न्यायपालिका में विशेष सुधार हेतु न्यायिक

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न्यायिक नपुंसकता और मौलिक कर्तव्यों की चक्की में सिसकते मौलिक अधिकार !

न्यायिक नपुंसकता और मौलिक कर्तव्यों की चक्की में सिसकते मौलिक अधिकार !

यह उपन्यास लेखक द्वारा सत्य पर आधारित साक्ष्यों सहित एक व्यथा है जिसे लेखक माननीय उच्चतम न्यायालय के वर्तमान माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री डी वाई चंद्रचूड़ जी को न्याय हेतु लिख रहा है। जिसका उद्देश्य न्यायपालिका में विशेष सुधार हेतु न्यायिक

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राष्ट्रीय सॅंविधान दिवस मनाने का क्या औचित्य है? (आलेख)

26 नवम्बर 2024
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भारतीय नागरिकों को भले ही देश का स्वामी माना जाता है। परन्तु इसमें सत्य कितना और मिथ्या कितना है? यह सब जानते हैं और कड़वे सच से भलीभॉंति परिचित भी हैं। चूॅंकि अभी स

एकात्म मानववाद

25 सितम्बर 2024
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एकात्म मानववाद ! (विश्लेषणात्मक आलेख)परिचय :- एकात्म मानववाद भारतीय दर्शन और राजनीतिक विचारधारा का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ है, जिसे भारतीय जनसॅंघ के सॅंस्थापक पॅंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने 1965

गणतंत्र दिवस 2024 ! (आलेख)

24 जनवरी 2024
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अद्भुत ही नहीं बल्कि अद्वितीय रहस्योद्घाटन हो रहे हैं कि राष्ट्र के माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी और माननीय सशक्त प्रधानमंत्री श्री नरेन्

श्री रमेश अरोड़ा जी का कार्यक्रम पूर्णतया सफल रहा! (आलेख)

24 जनवरी 2024
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श्री रमेश अरोड़ा जी का कार्यक्रम पूर्णतया सफल रहा !

चुम्बन और चुम्बन की चुम्बकीय शक्ति! (आलेख)

23 जनवरी 2024
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मन में बसे अथाह पवित्र प्रेम के प्रकटीकरण का माध्यम चुम्बन बनता है जो प्रत्येक संबंध की पवित्रता को बनाए रखने में सक्षम होता है। चूॅंकि चुम्बन का क्षेत्रफल मात

आजादी के अमृत महोत्सव के संग चलती मेरी न्यायिक यात्रा! (आलेख)

21 जनवरी 2024
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पराधीनता शासनकाल से चलते आ रहे असहनीय कलॅंकित भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए प्रकृति ने संभवतः मुझे चुन लिया था जिसके आधार पर मेरी और मेरे परिवार की बल

जेल और मृत्यु के डर से आगे की बढ़त!

19 जनवरी 2024
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जेल और मृत्यु के डर से आगे की बढ़त रूपी जीत साधारण व्यक्ति के असाधारण दार्शनिक व्यक्तित्व को दर्शाती है जो उक्त असंतोषजनक विद्वान व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता को

सर्वप्रथम सुनें, देखें और ध्यानपूर्वक लिखें!

19 जनवरी 2024
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मानव जीवन एक शोधात्मक प्रश्न पत्र होता है जिसका सीधा असर कर्मों पर आधारित होता है और चलचित्र की भॉंति प्रतिपल अपने गंतव्य की ओर अग्रसर होता रहता है। ध्यान रहे

ग़ज़ल !

19 जनवरी 2024
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नींद चैन की सो जाओ प्रभु श्रीराम आए हैं। जलाऍं हम खुशी के दीप राजाराम आए हैं।। बहुत बढ़िया है दिन का उजाला आज भी। प्रकाश पर्व दिवाली अयोध्या धाम आए हैं।। परन्तु रावण भी कोई कम नहीं

स्थानीय लेखकों के रक्षक ही भक्षक क्यों हैं? (आलेख)

18 जनवरी 2024
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माननीय महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी, माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ जी एवं माननीय सशक्त प्रधानमंत्री श्री नरेन्द

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