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Indu Bhushan Bali
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![न्यायिक नपुंसकता और मौलिक कर्तव्यों की चक्की में सिसकते मौलिक अधिकार !](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
न्यायिक नपुंसकता और मौलिक कर्तव्यों की चक्की में सिसकते मौलिक अधिकार !
यह उपन्यास लेखक द्वारा सत्य पर आधारित साक्ष्यों सहित एक व्यथा है जिसे लेखक माननीय उच्चतम न्यायालय के वर्तमान माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री डी वाई चंद्रचूड़ जी को न्याय हेतु लिख रहा है। जिसका उद्देश्य न्यायपालिका में विशेष सुधार हेतु न्यायिक
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न्यायिक नपुंसकता और मौलिक कर्तव्यों की चक्की में सिसकते मौलिक अधिकार !
यह उपन्यास लेखक द्वारा सत्य पर आधारित साक्ष्यों सहित एक व्यथा है जिसे लेखक माननीय उच्चतम न्यायालय के वर्तमान माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री डी वाई चंद्रचूड़ जी को न्याय हेतु लिख रहा है। जिसका उद्देश्य न्यायपालिका में विशेष सुधार हेतु न्यायिक
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