आज भले ही हम हमारे समाज को बहुत विकसित समझते हैं , लेकिन वास्तव में आज भी कई समाज के परिवार पढ़-लिखने के बाद भी जात-पात, ऊंच-नीच के भेद भाव से ऊपर नहीं उठ पाए हैं। वे समाज के झूठे दिखावे के चक्कर में
ऑनर किलिंग करनेवाले होते कभी अपने, कभी पराए,पर मारे जानेवाले शायद बदनसीब होते प्यार के मारे सारे।।
👨❤️💋👨👨❤️💋👨👨❤️💋👨❤️गंधर्व विवाह ❤️👨❤️💋👨👨❤️💋👨👨❤️💋👨🙏🙏🙏🙏 🌷✍️🌷 🙏🙏🙏🙏गंधर्व विवाह ही प्रेम विवाह ,हम समझे नहीं है परिस्कार ,सनातन संस्कृति के धरोहर ,गंधर्व विवाह
जो स्वहित की खातिर दुनिया में, अपनों की जिंदगी छीन रहे।जो भूल चुके हैं मानव कर्तव्य,मद में अंधे हो फूल रहे।।विश्वास और रिश्तों को तोडकर,मौत के घाट उतार रहे।कोई प्रेम,कोई धन की खातिर,अपने लोगों को मार
गतांक से आगेजैसे ही ठाकुर साहब ने उसके जुडे़ हुए हाथ देखे उस को इशारे से अपने पास बुलाया। वो एक क्षण में उनके सामने खड़ी थी। "लाली ये तो मुझे पता चल गया कि तू कोई रुकी हुई आत्मा है मुझ से क्या चाहती ह
प्रिय सखी।कैसी हो।हम अच्छे है ।आज सुबह समाचारों मे यही चल रहा था आनर किलिंग।परिवार के किसी सदस्य विशेष रूप से महिला सदस्य की उसके सगे-संबंधियों द्वारा होने वाली हत्या को ऑनर किलिंग कहा जाता है। ये हत्
गतांक से आगे:-रोने की आवाज की तरफ चलते हुए ठाकुर साहब ने देखा एक उन्नीस बीस साल की लड़की उनके दलान(पहले के जमाने में मुख्य द्वार के बाद एक कमरा सा होता था जिसे दालान कहते थे अजनबी अतिथि वह