4 अक्टूबर 2021
28 सितम्बर 2021
27 सितम्बर 2021
थोडी तो रही होगीमेरे अपनों की भी दगाबाजी ।
26 सितम्बर 2021
हाँ ! हाँ !! जानती हूँ ।रोज जीना पडेगा, रोज मरना पडे
रख सब्र , वो मंजर भी आएगा।इस फकीर के पास चलकर,
ये सच है कि वो मुझे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं ।मेरी प्रगति के सभ
अब अपनी शराफत का प्रमाण क्या देना????
21 सितम्बर 2021
सब कहते हैं कि बूँद- बूँद से घडा भरता है ।कोई ये नहीं बतात
18 सितम्बर 2021
एक आरजू तो पूरी मेरी होगी ।ऐ कामयाबी!! त
अभी जो आपको नीची नजरों से देखते हैं फिर आपसे नजरें चुराया करेंगे।जिन