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सफलता शायरी

hindi articles, stories and books related to Safalta shayari


थोडी तो रही होगी
मेरे अपनों की भी दगाबाजी ।

हाँ !  हाँ !!  जानती हूँ ।
रोज जीना पडेगा, रोज मरना पडे

रख सब्र , वो मंजर भी आएगा।
इस फकीर के पास चलकर, 

ये सच है कि वो मुझे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं ।
मेरी प्रगति के सभ

अब अपनी शराफत का 
प्रमाण क्या देना????

सब कहते हैं कि बूँद- बूँद से घडा भरता है ।
कोई  ये नहीं बतात

एक  आरजू तो पूरी मेरी  होगी ।
ऐ  कामयाबी!!  त

अभी जो आपको नीची नजरों से देखते हैं 
फिर आपसे नजरें चुराया करेंगे।
जिन

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