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आज अपने गांव को जाना हुआ।

5 अक्टूबर 2019

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सहसा अश्रुपूरित नेत्रों से ये पंक्तियां निकाल पड़ी जब गांव का वो मनोरम दृश्य दिखाई दिया

"शहरों में कहां मिलता है वो सुकून जो गांव में है,

जो मां की गोदी और पीपल की छांव में है"।

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