लहू के आंसू...कौन रुख़सत हुआ है हिन्दुस्तान सेलहू के आंसू गिरने लगे आसमान सेदेखे थे जो सपने सब चकनाचूर हुएतार-तार सब उनके शुभ दस्तूर हुएनहीं मिलेंगे वो हमको इतने दूर हुएभेजा था सीमा पर किस अरमान से कौन रुख़सत हुआ है हिन्दुस्तान से लहू के आंसू गिरने लगे आसमान सेआंधियों से तूफां बनकर टकरा गयाफर्ज