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आँसुओ के बोझ तले, दबे हुए ख्वाब उनके ....

5 नवम्बर 2023

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आज दिनांक 5 नवंबर 2023 की एक छोटी सी घटना !...

◆ यह छोटा सा संसार मेरा, मुझसे उम्मीदों से जुड़ा हुआ

बेटी रूठी हुई थी एक ज़िद्द पर अपनी,

उसकी माँ ने उम्मीद से देखा मुझको !!

मैं लाचार से खड़ा हुआ, खाली जेब कोस रहा खुदको

कभी वक़्त न ऐसा दिखाया उसको ,क्या ये मेरी गलती है?

या इस बर्बादी का किस्सा मैं हूँ ,यह मेरी गलती है ??

जीने की उम्मीद खत्म हो गयी है, सब उम्मीद टूट गयी है

सिसकियाँ दबी हुई है, किश्मत जैसे रूठ  गयी है !!

लेकिन ..... हार नहीं सकता....

थोड़ा रो लेता हूँ .. खुदको कोस लेता हूँ..

सिसकियों के सहारे थोड़ा दिल को हल्का कर लेता हूँ !!

लड़ना ही तो है, अंत तक लड़ेंगे तुझसे ए ज़िन्दगी

तुझे जीतना अब मेरी ज़िद्द बन गयी है !!!!

Love You beta ( Pihu) & Sorry .

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सजीव चित्रण किया है आपने सर 👌👍 आप मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

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