वो नहीं आये तो कोई गम नहीं मुझको, आकर पराये से रहे दुःख इस बात का है. दूर रहते हुए जो एहसास करीबी का था, पास आने से ना जाने क्यूँ बिखर सा गया. दिन रात ख़्वाबों में जिन्हे देखा किया करते थे, हकीकत अब ये है वो प्यार कही खो स
दिलकशी उनकी मूड और मॉडलिंग कब तलक यूँ जी को मेरे तड़पायेगी.है हज़ारो दीवाने नुमाइशी के उनके, आशिकी हमारी नज़र उनको क्यों आएगी, खामोश है हम भी देख उनकी बेरुखी, बयां करने से पहले जान यूँही जायेगी. (आलिम)