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अब लौट चलूं

Deepak bundela arymoulik

3 अध्याय
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1 पाठक
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समाज में एक औरत जो शादी शुदा होने के बाद भी इश्क़ में इसलिए पड़ जाती हैं कि उसे अपनी हसरतें, उमंगों की चाह को पूरा करना होता हैं यहीं हल इस कहानी की संध्या का हैं जो अपने प्रेमी के साथ नई ज़िन्दगी की शुरुआत करती हैं.. लेकिन वो 35 साल बाद फिर क्यों अपने पहले पति और बच्चे के पास लौट कर जाती हैं.. क्या संध्या का पूर्व पति और बेटा उसे अपना लेता हैं.. इन्ही सब बातों को जानने के लिएएक महिला के स्वार्थ की कहानी अब लौट चलें को पढ़िए. 

ab lautt cluun

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पुस्तक के भाग

1

अब लौट चलूं

25 जुलाई 2022
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अब लौट चलूं आज मुझें ऐसा लग रहा था कि मैं सच में आजाद हूं, सारी दुनियां आज पहली बार मुझें नई लग रहीं थी....सब कुछ नया सुकून से भरा....गर्त के अंधेरे को चीर कर मेरे कदम नए उजाले की ओर अनयास

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अब लौट चलूं

25 जुलाई 2022
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अब लौट चलूं आज मुझें ऐसा लग रहा था कि मैं सच में आजाद हूं, सारी दुनियां आज पहली बार मुझें नई लग रहीं थी....सब कुछ नया सुकून से भरा....गर्त के अंधेरे को चीर कर मेरे कदम नए उजाले की ओर अनयास

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अब लौट चलूं

7 अगस्त 2022
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अब लौट चलूं आज मुझें ऐसा लग रहा था कि मैं सच में आजाद हूं, सारी दुनियां आज पहली बार मुझें नई लग रहीं थी....सब कुछ नया, सुकून से भरा....गर्त के अंधेरे को चीर कर मेरे कदम नए उजाले की ओर अनया

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