Deepak bundela arymoulik
मैं एक हिंदी लेखक हूं मेरा लेखन में पिछले 20सालों का फ़िल्म और टी वी सीरियल का रहा है साथ ही फ़िल्म डाइरेक्ट करने का अनुभव भी हैं वर्तमान में कोट्स और नॉवेल मेरे मातृभारती और प्रतिलिपि के साथ कुकू एफएम पर भी प्रकाशित हैं.
आओ चमचागिरी सीखें
देश के सभी ऐसे हुनरमंदो तहे दिल से प्रणाम जो इस गुर में माहिर है.. वे सभी डिग्रीधारी हुनर मंद लोग जो इनके आगे पीछे भी घूमने से कतराते है आदमी जितना हिंसक और जहरीले जानवर से नहीं डरता जितना इन चमचों से डरता है... तो चलिए कुछ गुर आप भी सीख लीजिए शायद क
आओ चमचागिरी सीखें
देश के सभी ऐसे हुनरमंदो तहे दिल से प्रणाम जो इस गुर में माहिर है.. वे सभी डिग्रीधारी हुनर मंद लोग जो इनके आगे पीछे भी घूमने से कतराते है आदमी जितना हिंसक और जहरीले जानवर से नहीं डरता जितना इन चमचों से डरता है... तो चलिए कुछ गुर आप भी सीख लीजिए शायद क
इश्क़ दा वार 1992 (1)
स्कूल की ज़िन्दगी कितनी अच्छी होती है ना वहीं यदि स्कूल की लाइफ में किसी सें प्यार हो जाए तो क्या बात है.. ज़िन्दगी में कितना कुछ बदल सा जाता है.. ये कहानी 1992 के दशक की कहानी है जिसमे एक ही स्कुल में पढ़ने वाले मनु और अनु की कहानी है कहानी में प्यार क
इश्क़ दा वार 1992 (1)
स्कूल की ज़िन्दगी कितनी अच्छी होती है ना वहीं यदि स्कूल की लाइफ में किसी सें प्यार हो जाए तो क्या बात है.. ज़िन्दगी में कितना कुछ बदल सा जाता है.. ये कहानी 1992 के दशक की कहानी है जिसमे एक ही स्कुल में पढ़ने वाले मनु और अनु की कहानी है कहानी में प्यार क
अब लौट चलूं
समाज में एक औरत जो शादी शुदा होने के बाद भी इश्क़ में इसलिए पड़ जाती हैं कि उसे अपनी हसरतें, उमंगों की चाह को पूरा करना होता हैं यहीं हल इस कहानी की संध्या का हैं जो अपने प्रेमी के साथ नई ज़िन्दगी की शुरुआत करती हैं.. लेकिन वो 35 साल बाद फिर क्यों अपने
अब लौट चलूं
समाज में एक औरत जो शादी शुदा होने के बाद भी इश्क़ में इसलिए पड़ जाती हैं कि उसे अपनी हसरतें, उमंगों की चाह को पूरा करना होता हैं यहीं हल इस कहानी की संध्या का हैं जो अपने प्रेमी के साथ नई ज़िन्दगी की शुरुआत करती हैं.. लेकिन वो 35 साल बाद फिर क्यों अपने
इश्क़ में एक और मौत
इश्क़ का परिणाम किसी के लिए सुखद होता हैं तो किसी के लिए दुःखद होता तो कोई सिर्फ राधा की तरह इश्क़ करता हैं... इस कहानी की शुरुआत एक यंग लडके सें होती हैं जो जवानी के दौर में अपने सपने साकार करने मुंबई की फ़िल्म इंडस्ट्री में जाता हैं काफ़ी स्ट्रेगल के ब
इश्क़ में एक और मौत
इश्क़ का परिणाम किसी के लिए सुखद होता हैं तो किसी के लिए दुःखद होता तो कोई सिर्फ राधा की तरह इश्क़ करता हैं... इस कहानी की शुरुआत एक यंग लडके सें होती हैं जो जवानी के दौर में अपने सपने साकार करने मुंबई की फ़िल्म इंडस्ट्री में जाता हैं काफ़ी स्ट्रेगल के ब
अल्फाज़-ए-सफर
ज़िन्दगी के अल्फाज़ कभी खट्टे कभी मीठे तो कभी दर्द का एहसास कराते है और यहीं अल्फाज़ कभी शेर तो कभी शायरियों में अभिव्यक्त हो जाते है हिंदी और उर्दू के समावेश के कुछ 50 कोट्स आपके समक्ष पेश है शब्द in पर
अल्फाज़-ए-सफर
ज़िन्दगी के अल्फाज़ कभी खट्टे कभी मीठे तो कभी दर्द का एहसास कराते है और यहीं अल्फाज़ कभी शेर तो कभी शायरियों में अभिव्यक्त हो जाते है हिंदी और उर्दू के समावेश के कुछ 50 कोट्स आपके समक्ष पेश है शब्द in पर
निम्मो
हम भारत के जिस समाज में रहते है उस समाज में अनेकों जाती और धर्म के लोग भी रहते है. और इन धर्मों के अलग अलग रीती रीवाज भी होते है कुछ रीती रीवाज़ कुरीतियों के साए में आज भी जीवित है मेरा इस कहानी के माध्यम सें किसी एक धर्म विशेष को टारगेट करना नहीं है.
निम्मो
हम भारत के जिस समाज में रहते है उस समाज में अनेकों जाती और धर्म के लोग भी रहते है. और इन धर्मों के अलग अलग रीती रीवाज भी होते है कुछ रीती रीवाज़ कुरीतियों के साए में आज भी जीवित है मेरा इस कहानी के माध्यम सें किसी एक धर्म विशेष को टारगेट करना नहीं है.
अतीत का अखंड भारत -1
वर्तमान के भारत की मनोदशा को देखते हुए मुझें अतीत के भारत का इतिहास याद आया.. क्या भारत जब भी इतना संमृद्ध था जैसा आज है. तब क्या हमारे भारत की भारतीय संस्कृति और संस्कार भी ऐसे ही थे जो आज है. हम कितने वाकिफ है अतीत के भारत से इन्ही सब बातों को मैंन
अतीत का अखंड भारत -1
वर्तमान के भारत की मनोदशा को देखते हुए मुझें अतीत के भारत का इतिहास याद आया.. क्या भारत जब भी इतना संमृद्ध था जैसा आज है. तब क्या हमारे भारत की भारतीय संस्कृति और संस्कार भी ऐसे ही थे जो आज है. हम कितने वाकिफ है अतीत के भारत से इन्ही सब बातों को मैंन