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इश्क़ दा वार 1992 (1)

Deepak bundela arymoulik

4 अध्याय
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स्कूल की ज़िन्दगी कितनी अच्छी होती है ना वहीं यदि स्कूल की लाइफ में किसी सें प्यार हो जाए तो क्या बात है.. ज़िन्दगी में कितना कुछ बदल सा जाता है.. ये कहानी 1992 के दशक की कहानी है जिसमे एक ही स्कुल में पढ़ने वाले मनु और अनु की कहानी है कहानी में प्यार के हर प्रकार के रंगों को सजोया गया है. अनु और मनु का प्यार कितना सक्सेस होता है यहीं सब जानने के लिए पढ़ते रहिये इश्क़ दा वार शब्द in पर  

ishk da var 1992 1

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पुस्तक के भाग

1

इश्क़ दा वार 1992 (1)

7 अगस्त 2022
1
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वो मोहब्बत की चिंगारी 90 के दशक से सुलगना शुरू हों चुकी थी... मौसम वसंती हो कर अपने शवाब की और बढ़ रहा था.... हर यौवन के दिलों दिमांग में कही ना कही कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था जो जवानी की देहलीज़ पर थे

2

इश्क़ दा वार 1992 (1)

7 अगस्त 2022
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वो मोहब्बत की चिंगारी 90 के दशक से सुलगना शुरू हों चुकी थी... मौसम वसंती हो कर अपने शवाब की और बढ़ रहा था.... हर यौवन के दिलों दिमांग में कही ना कही कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था जो जवानी की देहलीज़ पर थे

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इश्क़ दा वार 1992 (2)

7 अगस्त 2022
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ये इश्क़ का सफर था जो रफ्ता रफ्ता अपनी मंज़िल की तरफ दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा था मनु और अनु के कदम तेजी से एक दूसरे सें मिलने के लिए रोज की तरह आज भी बढ़ चुके थे... नज़रों सें नज़रे मिलने की तय और एक मुकम

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लो खां कल्लो बात " हसबेंड " व्यंग

29 जनवरी 2023
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हसबेंड खबरों में रोज नया फिजूका पढ़ कर चच्चा रोज की तरह आज भी आ धमके थे. सोचा था आज रविवार यनि छुट्टी का दिन हैं तो थोड़ा आराम से उठा जाए लेकिन ऐसा हर रविवार को भी नहीं हो सकता था. मंजू नें मुझे उठ

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